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पावर बढ़ाओ… सब बर्दाश्त कर लोगे

छपरा जिले में जहरीली शराब पीने के कारण 40 लोगों को मौत हो चुकी है। इस मामले के सामने आने के बाद राज्य का सियासी पारा हाई है।

पटना – साल 2016 में बिहार में शराबबंदी है। बिहार में शराब का निर्माण करना, बेचना, पीना कानूनन अपराध है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार शराबबंदी को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बता रही है। वहीं दूसरी ओर बिहार से महीने दो महीने में जहरीली शराब पीने के कारण दर्जनों लोगों की मौत की खबर सामने आती है। नीतिश सरकार की शराबबंदी के बाद भी छपरा जिले में जहरीली शराब के खरीद फरोख्त पर किसी तरह को कोई रोक नहीं है। छपरा जिले में जहरीली शराब पीने के कारण 40 लोगों को मौत हो चुकी है। इस मामले के सामने आने के बाद राज्य का सियासी पारा हाई है। शराब के कारण 40 लोगों की हुई मौत पर पटना से लेकर देश की राजधानी दिल्ली में तक सवाल उठाए जा रहे हैं।

शराब पियोगे तो मरोगे

छपरा जिले में जहरीली शराब मामले में अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी ये संख्या और ज्यादा बढ़ेगी की संभावना जताई जा रही है। इस मामले में भाजपा के विधायक, सांसद लगातार इस मामले में सरकार को घेर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार की ओर से जिम्मेदारों का बेतुका और अंसवेदशीन बयान सामने आ रहा है। बिहार के मंत्री समीर महासेठ ने इस मामले में कहा कि  जहरीली शराब से हो रही मौत के मामले में बेतुका बयान देते हुए कहा कि पावर बढ़ाओ… सब बर्दाश्त कर लोगे…। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा दो-टूक कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे।

 

शर्मिदा हूं, मुख्यमंत्री ऐसा दे रहे हैं – रविशंकर

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने बिहार में शराबबंदी के बाद भी लगातार बढ़ती मौतों के मामले में कहा कि प्रधानमंत्री का विकल्प बनना भूल जाइए, पहले बिहार को ठीक करिए। इसके साथ ही बीजेपी सासंद ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसा बयान दे रहा है, शर्मिदा हूं। वहीं  लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भी जहरीली शराब का मामला बीजेपी  नेता संजय जायसवाल ने उठाया और कहा कि बिहार में पूरी तरह से शराब बंदी है, लेकिन राज्य में जहरीली शराब का घर-घर वितरण हो रहा है। तेजस्वी का बचाव, बोले- BJP वाले विधानसभा में कर रहे नाटक

 

 

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