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बंगाल का संग्राम: टीएमसी ने अपनाया आक्रामक चुनाव प्रचार का तरीका, विपक्षी दल हो रहे परेशान

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार में बढ़त हासिल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आक्रामक चुनाव प्रचार का पैंतरा अपनाया है। इसकी बानगी दक्षिण कोलकाता में लगे हुए टीएमसी के बैनर पोस्टर और पटरी पर सजी टीएमसी के बैनर पोस्टर वाली दुकानों को देखकर सहज लगाया जा सकता है। वहीं, कांग्रेस, भाजपा और वामदलों ने ममता की इस कवायद को टीएमसी की गुंडागर्दी करार देते हुए कहा है कि पंचायत चुनाव की तरह ही टीएमसी इस तरह का प्रचार कर चुनाव को हाईजैक कर लेना चाहती हैं।

टीएमसी नेता विवेक अग्रवाल का कहना है कि आक्रामक चुनाव सदैव उनकी पार्टी की पहचान रहा है। वह किसी अन्य पार्टी को प्रचार करने से नहीं रोक रहे हैं। बल्कि इस प्रचार की सहायता से अपने कार्यकतार्ओं को माध्यम बनाकर जन-जन तक पहुंचने की कवायद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि टीएमसी के सघन प्रचार का ही नतीजा है कि भाजपा समेत अन्य पार्टियों के तमाम प्रचार के बाद भी टीएमसी प्रतिदिन मजबूत होती जा रही है। टीएमसी ने प्रचार के लिए बैनर पोस्टर से हर इलाके को पाट देने के अलावा घर-घर जाकर प्रचार करने की कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी है।

वहीं भाजपा सांसद जगन नाथ सरकार ने कहा कि प्रदेश की जनता ने अब ममता सरकार की विदाई का मन बना लिया है। ऐसे में अब ममता सरकार चाहे आक्रामक प्रचार का रुख अपनाए या वह हिंसा को बढ़ावा दे, जनता उनको वोट देने वाली नहीं है। उनके अनुसार, जिस तरह का माहौल ममता सरकार ने पैदा किया है, उससे यही लगता है कि सरकार साम दाम दंड अर्थ भेद अपनाकर किसी भी कीमत पर चुनाव में बढ़त बनाना चाहती है।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कोई भी पार्टी चुनाव में अपनी दादागिरी दिखाती है तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है। जो भी पार्टी चुनाव लड़ती है, उसे प्रचार का हक है। यदि इसमें कोई अड़चन लगाता है तो यह चिंता का विषय है। अगर टीएमसी ऐसा करती है तो यह ठीक नहीं है। यदि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस इसकी शिकायत मुख्य चुनाव आयुक्त से करेगी।

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