भोपाल

लाइट का बिल भरने के पैसे नहीं, फूल मालाओं के लिए डेढ़ करोड़ का टेंडर

डेढ़ करोड़ के टेंडर सिर्फ फूल माला पर बर्बाद करने के लिए निकाल दिए गए हैं, जो गलत है। नेता प्रतिपक्ष ने इस टेंडर को तत्काल निरस्त करने की मांग की है।

भोपाल –  राजधानी भोपाल की बात करें तो भोपाल की सड़कों पर चलना मुश्किल है, क्योंकि सड़कों का मेंटेनेंस ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है और ना ही सड़कें बन पा रही हैं। इतना ही नहीं शहर के अंदर सिविल लाइन की समस्या आज भी बनी हुई है, नालियां ठीक तरह से नहीं है। क्योंकि ठेकेदारों का पेमेंट नगर निगम ने अभी तक नहीं किया है । ड्रेनेज सिस्टम की कहानी भी किसी से छिपी नहीं है, विकास कार्यो की पोल लगातार नगर निगम की खुल रही है, और नगर निगम सिर्फ यह कह रहा है कि उसके पास पैसे की कमी है और उसे कर्जा लेना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम नेताओं और अधिकारियों को खुश करने के लिए उन्हें फूल मालाएं पहनाने जा रहा है, और बकायदा इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है। निविद सूचनाएं जारी कर नगर निगम ने तमाम प्रकार के आयोजनों में फूल, मालाओं, बुके, फ्लावर डेकोरेशन के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का टेंडर निकाल दिया है। और 3 दिन के अंदर यह टेंडर किसी को मिल भी जाएगा। जबकि हाल ही में बिजली का बिल न जमा करने के चलते नगर निगम के द्वारा लगाई गई शहर में स्ट्रीट लाइटों से बिजली की सप्लाई को बंद कर दिया गया था। जनता को तो नगर निगम सुविधा नहीं दे पा रहा है, लेकिन कार्यक्रमों में फूल माला देने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए तक खर्च करने को तैयार है, जो जनता सेट टैक्स के रूप में वसूली जाती है। नगर निगम की इस फिजूलखर्ची पर नेता प्रतिपक्ष शाबिस्ता जकी ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है, कि जहां एक और नगर निगम कमिश्नर फिजूलखर्ची ना करने की बात सब से कहते हैं, तो वहीं दूसरी ओर डेढ़ करोड़ के टेंडर सिर्फ फूल माला पर बर्बाद करने के लिए निकाल दिए गए हैं, जो गलत है। नेता प्रतिपक्ष ने इस टेंडर को तत्काल निरस्त करने की मांग की है।

(शबिस्ता जकी, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम भोपाल)

 

निगम अध्यक्ष ने कहा – मैं अधिकारियों से करूंगा चर्चा

गौरतलब है कि नगर निगम पहले से ही कर्जे में है, और जनता से टैक्स के रूप में मोटी रकम भी वसूल रही है। लेकिन सुविधाएं नहीं दे पा रही हैं। और सिर्फ आयोजनों पर फूल माला के लिए डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी अधिकारी कर रहे हैं। जिस पर नगर निगम अध्यक्ष ने भी आपत्ति ली है, उनका भी कहना है कि अधिकारियों से चर्चा कर इस संबंध में बात की जाएगी कि आखिर क्या जरूरत पड़ गई इस तरह की टेंडर निकालने की।

( किशन सूर्यवंशी, अध्यक्ष नगर निगम भोपाल)

बिल भरने के नहीं है पैसे

शहर की स्ट्रीट लाइट पूरी तरह से बंद है, विभागीय मंत्री की दखल के बाद शहर में स्ट्रीट लाइट को शुरू किया गया, आज भी शहर के अंदर नगर निगम के द्वारा किए जा रहे कार्य किसी से छिपी नहीं है। नगर निगम के ठेकेदार रोजाना निगम मुख्यालय के चक्कर इस लिए लगा रहे हैं, कि उनके द्वारा जो कार्य किया गया है, उसका पेमेंट हो जाए। लेकिन जरूरत की चीजों को भूलकर नगर निगम पूल माला जैसी चीजों पर फिजूलखर्ची करते हुए डेढ़ करोड़ तक खर्च कर रहा है, जो कहीं ना कहीं जनता के साथ एक बड़ा धोखा है।

वैभव गुप्ता

वैभव गुप्ता मध्यप्रदेश की पत्रकारिता में जाना-पहचाना नाम हैं। मूलतः ग्वालियर निवासी गुप्ता ने भोपाल को अपनी कर्मस्थली बनाया और एक दशक से अधिक समय से यहां अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों में उल्लेखनीय सेवाएं दी हैं। वैभव गुप्ता राजनीतिक तथा सामाजिक मुद्दों पर भी नियमित रूप से लेखन कर रहे हैं।

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