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इंदौर में रात भर बरसा पानी, बारह घंटे में ढाई इंच, हफ्ते भर इसी तरह मौसम रह सकता है

शादियों में खलल, कांग्रेस का धरना स्थगित, सड़कें डूबीं, बिजली गुल

इंदौर। लंबे इंतजार के बाद अंततः शुक्रवार रात बारिश ने इंदौर में आमद दे दी। बीते करीब बारह घंटे (शुक्रवार रात 8 बजे से शनिवार सुबह 8 बजे तक) लगातार कभी तेज तो कभी धीमी बारिश बनी रही। बारह घंटों में कुल ढाई इंच पानी बरस गया है। हल्की बारिश अभी भी जारी है। पूरे जून का आंकड़ा तीन इंच हो गया है। जून में अमूमन पाँच इंच बारिश होती है। उस हिसाब से से आंकड़ा दो इंच कम है लेकिन जिस हिसाब से मौसम बना है, लग रहा है पुराने आंकड़े तक पहुँच जाएगा। अचानक आई बारिश में शहर में हो रही शादियों में खलल पैदा कर दिया। कांग्रेस आज गांधी प्रतिमा तिराहे पर बड़ा धरना देने वाली थी, उसे भी बारिश के चलते स्थगित कर दिया गया।

मौसम का यही मिजाज रहेगा कुछ दिन

मौसम विभाग के मुताबिक एक हफ्ते तक ऐसे ही कभी तेज तो कभी हल्की बारिश के हालात बने रहेंगे। जानकारों के मुताबिक ये भी अधिकृत मानसून नहीं है। वो तो विलंबित हो गया है। गुरुवार की रिमझिम और शुक्रवार की झमाझम भी प्री-मानसून ही है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी जिस प्रकार का सिस्टम बना हुआ है उससे आगे भी कुछ दिन यही दौर चलता रहेगा। विधिवत मानसून आने में कम से कम एक हफ्ता और लगेगा। इससे पहले गुरुवार को दिन में हल्की बारिश हुई थी लेकिन ठंडक कम और उमस ज्यादा देकर गई। इससे लोग परेशान हो गए, लेकिन शुक्रवार रात पहले रिमझिम और फिर झमाझम होने लगी तो मौसम में ठंडक आ गई।लोगों को गर्मी से राहत मिली। शनिवार सुबह से इंदौर में बादल छाए हुए हैं, सूरज के दर्शन नहीं हुए हैं और हल्की बूंदाबांदी लगातार बनी हुई है। बादलों की गहनता देखकर लग रहा है दिन में फिर झड़ी आ सकती है।

सड़के, कॉलोनियां लबालब, बिजली गुल

बारिश का पहला प्रहार सड़कों पर पड़ा। पानी की पर्याप्त निकासी नहीं होने से थोड़ी सी बारिश में ही सड़कें लबालब हो गईं। कुछ जगह तो मार्ग बंद जैसे हालात बन गए। वहीं पानी भरने से वाहनों की गति धीमी हो गई जिससे जगह-जगह जाम लगने लगे। बिजली ने परंरपरागत रूप से बारिश आते ही पलायन कर दिया। कहीं तार टूटे, कहीं पोल। पेड़ की डालियां भी तारों पर गिरीं। कहीं खुली डीपी और ट्रांसफार्मर में पानी जाने छोटे-बड़े धमाकों के साथ बिजली गुल होती रही। बिजली दफ्तर में शिकायतों की फेहरिस्त लगातार लंबी होती गई, उसकी तुलना में निदान की गति धीमी रही इससे लोगों को रातभर बिजली के आवागमन से रूबरू होना पड़ा।

बिजली कंपनी का दावा…सब ठीक कर दिया

हालांकि बिजली कंपनी दावा कर रही है कि प्रभावित क्षेत्रों में से 5 फीडर क्षेत्र की बिजली आपूर्ति व्यवस्था करीब एक से सवा घंटे में बहाल की गई। दो फीडर दो घंटे में सामान्य हुए। शेष एक पर रात 11.30 पर पानी गिरने के बावजूद सुधार कार्य चल रहा हैं। व्यक्तिगत शिकायतों 150 फ्यूज ऑफ कॉल (एफओसी) का जोन की टीमों ने भी समाधान किया।

इंदौर में बीते सालों में जून माह की बारिश का रुख

– साल 2003 में 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश 23 जून को 5 इंच हुई थी।
– साल 1980 के जून में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। जो अब तक रेकॉर्ड है।

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