देश की उद्योग नीति से प्रभावित विदेश में बसे भारतीय, लौटने के लिए हो रहे आतुर: बोले तोमर
तोमर ने स्टार्टअप कॉन्क्लेव में मौजूद उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ साल की अवधि में भारत सरकार द्वारा साढ़े 6 हजार से ज्यादा स्टार्टअप स्थापित कराए गए हैं, जिसमें 2 हजार से अधिक कृषि आधारित स्टार्टअप शामिल हैं।
ग्वालियर। केन्द्रीय कृषि नरेन्द्र सिंह तोमर ने रविवार की देर शाम ग्वालियर में लघु उद्योग भारती के स्टार्टअप कॉन्क्लेव के उदघाटन का किया। इस दौरान उन्होंने छोटे एवं मझोलेउद्योगों को लेकर कई बड़ी बातें कही। उन्होंने कहा कि यह उद्योग ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराते हैं। इसीलिए केन्द्र और मप्र सरकार छोटे और मझोले उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। सरकार की उद्योग हितैषी नीतियों से प्रभावित होकर विदेश में बसे भारतीय उद्यमी व तकनीकी विशेषज्ञ अपने देश में लौटने के लिये आतुर रहते हैं। स्टार्टअप कॉन्क्लेव में मप्र के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा और सांसद विवेक शेजवलकर भी मौजूद थे।
तोमर ने स्टार्टअप कॉन्क्लेव में मौजूद उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ साल की अवधि में भारत सरकार द्वारा साढ़े 6 हजार से ज्यादा स्टार्टअप स्थापित कराए गए हैं, जिसमें 2 हजार से अधिक कृषि आधारित स्टार्टअप शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी द्वारा किए गए आह्वान की बदौलत संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को मिलेट्स (मोटे अनाज) वर्ष घोषित किया है। मुद्रा योजना के तहत सरकार द्वारा छोटे-छोटे उद्यमों के लिये अब तक 19 लाख करोड़ की आर्थिक मदद वितरित की जा चुकी है। कृषि मंत्रालय द्वारा मिलेट्स आधारित स्टार्टअप को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार के सभी विभागों में स्टार्टअप के लिये विशेष प्रावधान रखा गया है।
दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही भारत की अर्थव्यवस्था
इस दौरान तोमर ने यह भी कहा कि भारत अब दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कॉन्क्लेव में मौजूद नव उद्यमियों का आह्वान किया कि वर्तमान में उद्योगों के लिये स्वर्णिम कालखंड है। आप सब सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपने उद्यम को आगे बढ़ाएँ। उन्होंने छोटे व मझोले उद्यमियों को संगठित कर उन्हें सुविधायें मुहैया कराने के लिये समृद्ध मंच प्रदान करने के लिये लघु उद्योग भारती संस्था की सराहना की।
मिशाल कायम की मप्र की औद्योगिक नीति ने
वहीं ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीति देश की सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक नीति के रूप में मिशाल कायम की है। प्रदेश में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने अपनी औद्योगिक नीति में मूलभूत परिवर्तन किया है। सरकार द्वारा क्लस्टर कॉन्सेप्ट लागू कर उद्योगों के लिये सस्ती जमीन, सस्ती बिजली और उत्कृष्ट अधोसंरचना उपलब्ध कराई जा रही है। क्लस्टर फार्मेशन पॉलिसी के तहत सरकार द्वारा अब तक 60 औद्योगिक क्लस्टर मंजूर किए जा चुके हैं। इसके अलावा 33 और क्लस्टर अगले दो माह के भीतर धरातल पर आ जायेंगे। सरकार बेहतर से बेहतर औद्योगिक वातावरण बनाने के लिये कटिबद्ध है। एमएसएमई को कॉमर्शियल बनाने के लिये कारगर कदम उठाए गए हैं। एग्रो प्रोसेसिंग को मध्यप्रदेश में विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है।