महाकाल लोक की तर्ज पर बनेंगे मां के दरबार
मध्यप्रदेश के आधा दर्जन मंदिरों के विस्तार की योजना
भोपाल। महाकाल लोक की भव्यता को प्रदेश ही नहीं देश-दुनिया की जनता से सराहा है। इसके बाद शिवराज सरकार ने महाकाल लोक की तरह प्रदेश की आधा दर्जन प्रसिद्ध एवं सिद्ध मंदिरों के विस्तार की योजना बनाई है। महाकाल लोक की तरह प्रदेश के हर क्षेत्र में एक मंदिर को इसी तरह भव्य रूप से संवारा जाएगा। इसके पीछे मकसद प्रदेश में पर्यटन तो बढ़ाना ही है साथ में हिंदू वोटरों को चुनाव में साधना भी है।
चुनावी साल में भाजपा नीत सरकार एक तरफ विकास योजनाओं और जातीय संतुलन से चुनावी बिसात बिछा रही है, तो दूसरी तरफ धार्मिक स्थलों का विकास कर धर्म प्रेमी जनता के बीच भी पकड़ बना रही है। महाकाल लोक के बाद अब प्रदेश सरकार का फोकस ओंकारेश्वर पर है। जहां अलग-अलग चरणों में 2141 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की योजना है। यहां आदिशंकराचार्य की भव्य प्रतिमा भी लगेगी और अंतराष्ट्रीय संस्थान भी बन रहा है। उधर महाकाल लोक में भी दूसरे चरण का काम शुरू हो चुका है। वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश सरकार 6 मंदिरों का कायाकल्प करने वाली है। इनमें सलकनपुर दरबार, पीतांबरा पीठ, शनिश्चरा मंदिर और मैहर मंदिर शामिल हैं। भाजपा प्रदेश महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि कमलनाथ ने एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए महाकाल क्षेत्र के विकास में अड़ंगा लगाया था। वहीं कांग्रेस कहती आई है कि मध्यप्रदेश में तमाम मंदिरों के विकास की योजना कमलनाथ के कार्यकाल में ही बनी थी।वहीं कमलनाथ भी सत्ता में आने पर राम वन गमन पथ जैसी अनेक योजनाओं पर काम करने का वचन दे चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली है। इसलिए चुनाव से पहले धार्मिक स्थलों को संवारने की बीजेपी की योजना है। महाकाल लोक को विकसित करके भाजपा ने हिंदू धर्मावलंबियों के बीच पकड़ बना ली है। इसी तर्ज पर अन्य धार्मिक स्थलों को विकसित कर वह विंध्य, महाकौशल, मध्य और ग्वालियर-चंबल के मतदाताओं को एक साथ साध लेगी।