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किसानों का न समझा पाना भाजपा कार्यकर्ताओं की नाकामी, पीएम के फैसले से बहुत व्यथित हूं: उमा

लखनऊ। पार्टी से साइड लाइन चल रहीं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Madhya Pradesh) और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती (Senior BJP leader Uma Bharti) ने कृषि कानूनों को वापस (agricultural laws back) लेने पर केन्द्र सरकार (central government) के फैसले पर सवाल उठाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कृषि कानूनों की वापसी के समय जो कहा उससे उनका मन व्यथित हो गया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि किसानों को ना समझा पाना हमारे कार्यकर्ताओं की कमी है।

उमा भारती ने ट्वीट (Tweet) करते हुए लिखा कि मैं पिछले 4 दिनों से वाराणसी में गंगा (Ganga in Varanasi) किनारे हूं।19 नवंबर 2021 को हमारे PM नरेंद्र मोदी ने जब तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई। इसलिए 3 दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूं। प्रधानमंत्री ने कानूनों की वापसी करते समय जो कहा वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया। अगर कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP workers) की नाकामी है।

उमा भारती का कहना है कि यदि हम सब लोग किसानों से ठीक संपर्क और संवाद स्थापित कर लेते तो कानून वापसी की नौबत नहीं आती। उमा ने कहा कि हम लोग विपक्ष के दुष्प्रचार का सामना नहीं कर पाए। उन्होंने सोमवार को एक के बाद एक सात ट्वीट कर अपने विचार व्यक्त कर कहा है कि वे इस फैसले से बहुत व्यथित हैं। उन्होंने अपने सभी ट्वीट को पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखे हैं।

हम नहीं कर सके विपक्ष के निरंतर दुष्प्रचार का सामना
इस दौरान उमा भारती ने पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत गहरी सोच और समस्या की जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। जो समस्या की जड़ समझता है, वह समाधान भी पूर्णत: करता है। भारत की जनता और पीएम मोदी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास (democratic history) में अभूतपूर्व है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी बहुत गहरी सोच और समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। जो समस्या की जड़ को समझता है, वह समाधान भी पूर्ण रूप से करता है। भारत की जनता और पीएम मोदी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व है। अंत में उमा भारती ने लिखा कि पीएम मोदी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की। हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता सदैव सफल रहे, यही बाबा विश्वनाथ व मां गंगा से प्रार्थना करती हूं।

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