जबलपुरमध्यप्रदेश

वीरांगना की स्मृति में बनेगा 100 करोड़ से भव्य स्मारक, 500 वें जन्म दिन पर होगा भूमि पूजन

जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को संस्कारधानी जबलपुर के दौरे पर रहे। यहां उन्होंने 1857 की क्रान्ति के जनजातीय नायक राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगले 5 अक्टूबर को वीरांगना रानी दुर्गावती के 500 वें जन्म दिन पर मदन महल की जमीन पर 100 करोड़ रुपए की लागत से भव्य स्मारक का भूमि-पूजन किया जायेगा। यह भव्य स्मारक रानी दुर्गावती के शौर्य, वीरता, सेवा, सुशासन एवं गौरव का प्रतीक होगा तथा युगों-युगों तक रानी की स्मृति को जीवन्त रखेगा।

वहीं सीएम ने आदिवासी जननायकों को याद करते हुए कहा कि अमर क्रांतिकारी राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह ने अंग्रेजों की गुलामी को स्वीकार नहीं किया और उनके खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका। उनके इसी शौर्य एवं पराक्रम से भयभीत होकर अंग्रेजों ने उन्हें तोप के मुंह के सामने रखकर उड़ा दिया। राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदानों को भुलाया नहीं जा सकता। ये वीर सदैव हमारे लिये प्रेरणा का स्त्रोत रहेंगे।

आदिवासियों की लिए की गई संभी घोषणाएं पूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय नायकों के बलिदानों को स्मरण करने के लिये हर साल मप्र सरकार द्वारा 18 सितम्बर को शहीद दिवस का आयोजन किया जा रहा है। उन्होनें बताया कि पूर्व वर्ष में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मौजूदगी में जबलपुर में ही आयोजित हुये शहीद दिवस कार्यक्रम में गरीब आदिवासी वर्ग के लिये की गई सभी 14 घोषणायें पूर्ण कर ली गई है। इन घोषणाओं के पूर्ण हो जाने से प्रदेश के आदिवासी भाई-बहन समाज के मुख्य धारा से जुड़ रहे है तथा इनका सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है।

पेसा अधिनियम से आदिवासियों को मिला जल, जंगल, जमीन पर अधिकार
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज के कल्याण के लिये प्रदेश सरकार ने विभिन्न योजनायें संचालित की हैं। सरकार ने पेसा अधिनियम लागू कर प्रदेश के 89 जनजातीय विकासखंडों में जनजातियों को जल, जंगल, जमीन पर सशक्त अधिकार दिये हैं। इन विकासखंडों में जनजातीय भाई-बहनों ने तेंदूपत्ता संग्रहण में उल्लेखनीय कार्य किया है। उनकी आर्थिक स्थति सुदृढ़ हुई है। सरकार की प्राथमिकता है कि संसाधनों पर सभी का समान रूप से अधिकार हो। अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई कर सके इसलिये सरकार द्वारा पांच प्रतिशत सीटें सरकारी स्कूल के बच्चों के लिये आरक्षित की गई है। उन्होनें बताया कि बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिये 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों को लेपटॉप, शासकीय स्कूलों से प्रथम श्रेणी के साथ बारहवीं कक्षा में टॉप करने वाले बच्चों को स्कूटी दी गई है।

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