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उत्तराखंड हादसा : ग्रीन कार्ड वाली बस को किसने धकेला मौत के रेड सिग्नल की ओर ?

भोपाल – सनातन धर्म में देवभूमि उत्तराखंड के चार धामों के दर्शनों का विशेष महत्व बताया गया है। यहीं कारण है लोगों के जीवन की यह इच्छा होती है कि कम से कम एक बार वे जरूर इन चार धामों की दर्शन कर लें। अपनी इसी इच्छा की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश के पन्ना जिले 28 तीर्थ यात्री चार धाम के लिए रवाना हुए थे। लेकिन यात्रा के पहले पड़ाव यमुनोत्री पहुंचने से पहले ही चौहान ट्रैवल्स की यह बस जो ऋषिकेश से सभी को लेकर रवाना हुई थी वो यमुनोत्री पहुंचने से 70 किलोमीटर पहले ही डामटा के पास हादसे का शिकार हो गई। जिसमें बस में सवार 26 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद बस को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है, हादसे के कारण भी जानने की कोशिश हो रही है कि आखिरकार कैसे ये बस हादसा हुआ है। हमने कुछ सवाल तय किए हैं, जो हादसे से जुड़े हुए हैं।
 
पहला सवाल – जिस जगह बस हादसे का शिकार हुई, वो जगह बहुत छोटी जगह नहीं थी कि जहां से बस न गुजर सकें। यह स्थान जहां हादसा हुआ वहां से दो बसें आराम से निकल सकती थी। फिर कैसे हादसा हुआ।
जवाब – घायल ड्राइवर ने बताया कि एक वाहन सामने से बहुत तेजी से आ रहा है। उसकी गति तेज होने के कारण बस को साइड में लेना पड़ा था। इसी कारण से काफी स्थान होने के बाद भी दूसरे वाहन के ड्राइवर के गलती के कारण बस का अगला पहिया सड़क से उतर गया और ड्राइवर बस संभाल नहीं पाया।
 
दूसरा सवाल – किस आधार पर मिला था बस को ग्रीन कार्ड।
जवाब – चौहान ट्रैवल्स की बस जो हादसे का शिकार हुई थी, उसका चारधाम यात्रा का यह तीसरा ट्रिप था। इसकी फिटनेस पांच नवंबर 2022 तक, इंश्योरेंस 10 मार्च 2023 तक, टैक्स 30 जून 2022 तक, प्रदूषण 13 मई 2023 तक और परमिट दो जून 2025 तक वैध था। उन्होंने बताया कि बस को इसी आधार पर ग्रीन कार्ड मिला हुआ था।
 
तीसरा सवाल – क्या बस बहुत ज्यादा पुरानी थी ।
जवाब – उत्तरकाशी में जो बस हादसे का शिकार हुई है, वह लगातार तीसरी ट्रिप पर थी। इससे पहले वह दो बार तीर्थयात्रियों को ले जा चुकी है। यह बस हल्द्वानी की है। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि बस के सभी कागजात दुरुस्त थे। बस का रजिस्ट्रेशन 28 मई 2018 का है। 
 
चौथा सवाल – बस ड्राइवर ने क्या बताई हादसे की वजह ?
जवाब – अस्पताल मे भर्ती बस ड्राइवर हीरा ने बताया कि सामने से तेज गति से आ रहे वाहन को बचाने की कोशिश की। लेकिन बस का स्टेयरिंग फेल हो गया था। पहाड़ की तरफ गाड़ी घुमाने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी टकराकर खाई में जा गिरी। उदय सिंह ने कहा कि धड़ाक से आवाज आई और न जाने कितनी पलटियां खाकर बस खाई में जा गिरी। उसके बाद क्या हुआ पता नहीं।
 
पांचवां सवाल – चारधाम यात्रा में अब तक कितने यात्रियों की मौत हुई है।
जवाब – अधिकृत जानकारी के मुताबिक इस साल अब तक चारधाम यात्रा के दौरान अब तब 70 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है। 31 तीर्थ यात्रियों की मौत वाहन दुर्घटनाओं में हुई है। 39 की मौत अन्य कारणों से हुई है। रविवार की दुर्घटना को मिलाकर तीन हादसे हो चुके हैं। इनमें कुल 31 तीर्थयात्री की मौत हो चुकी है। 

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