चीतों पर शोध करने अफ्रीकी देश जाएंगे कूनो के अधिकारी, पर्यावरण मंत्री ने दी जानकारी
यादव ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के लिए अतिरिक्त वन रक्षक और वनपाल की व्यवस्था करने का आग्रह करते हुए कहा कि अधो-संरचना और मानव संसाधन दोनों आवश्यक हैं। परियोजना से संबंधित भ्रामक सूचनाएं प्राय: सामने आती हैं, लेकिन जनता को सही जानकारी मिलना चाहिए।
भोपाल। चीता प्रोजेक्ट के तहत चीता संरक्षण एवं प्रबंधन में लगे अधिकारी और कर्मचारियों का चयन कर शोध के लिए नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भेजा जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा चीतों की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन और प्रस्तावित चीता प्रोटेक्शन फोर्स के लिए केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय संसाधन सहित हर संभव सहयोग दिया जाएगा। इस आशय की जानकारी केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित उच्च स्तरीय करने के बाद दी है। इस दौरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वन मंत्री डॉ. विजय शाह और कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। ,
यादव ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के लिए अतिरिक्त वन रक्षक और वनपाल की व्यवस्था करने का आग्रह करते हुए कहा कि अधो-संरचना और मानव संसाधन दोनों आवश्यक हैं। परियोजना से संबंधित भ्रामक सूचनाएं प्राय: सामने आती हैं, लेकिन जनता को सही जानकारी मिलना चाहिए। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में कूनो 7 चीते खुले जंगल और 10 चीते बाड़ों में रह रहे हैं। नवंबर तक चीतों के लिए नए घर के रूप में गांधी सागर अभयारण्य को भी तैयार किया जा रहा है। यादव ने भरोसा दिलाया की प्रोजेक्ट चीता परियोजना निश्चित ही सफल होगी। परियोजना में फारेन एक्सपर्ट की सेवाएं निरंतर मिल ही रही हैं। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि वे आगामी 6 जून को कूनो राष्ट्रीय उद्यान जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।
मप्र सरकार प्रोजेक्ट चीता की सफतला के लिए प्रतिबद्ध: शिवराज
वहीं शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश चीता स्टेट है। यह प्रतिष्ठा की बात है। राज्य सरकार चीता परियोजना की सफलता के लिए प्रतिबद्ध है। प्रारंभ में ही चीता शावकों के जन्म के सर्वाइवल रेट की जानकारी दी गई थी। चीता परियोजना से जुड़ा सम्पूर्ण अमला, जज्बे के साथ कार्य कर रहा है। परियोजना की प्रगति संतोषजनक है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चीतों के लिए वैकल्पिक रहवास के लिए गांधी सागर अभयारण्य में आवश्यक व्यवस्थाएं युद्ध स्तर पर पूर्ण की जाएं।
शाह ने दिया यह सुझाव
बैठक में परियोजना से पर्यटन विकास की गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। वन मंत्री डॉ. शाह ने चीता की मॉनिटरिंग में तैनात कर्मचारियों को सुरक्षा की दृष्टि से आधुनिक वाहन भी उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। बैठक में केन्द्रीय वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव सीपी गोयल, मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली, के सदस्य सचिव डॉ. एस.पी. यादव, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-प्राणी जे.एस. चौहान, अपर सचिव वन विभाग अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।