नर्मदा में क्रूज चलाने वालों को उखाड़ फेकेंगे जड़ से: BJP नेत्री ने दिखाए तेवर, बोलीं- पहले ही कर चुके हैं खोखला
नर्मदा जी की सिंचाई गौपालन तथा परिक्रमा का सतोगुण पर्यटन संभव है। क्रूज चलाने की सोच को तो जड़ से उखाड़ फेंकेंगे। क्योंकि नर्मदा जी की सतोगुणी तरीके से भी बहुत रोजगार देती आई है तथा देती रहेंगी।
भोपाल। मध्यप्रदेश में शराब बंदी को लेकर मप्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली प्रदेश की पूर्व सीएम और भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती का एक बार फिर तीखे तेवर देखने को मिला है। इस बार यह तेवर नर्मदा नदी में क्रूज चलाने को लेकर दिखाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने ट्विटर के माध्यम से चेतावनी दी है कि मां नर्मदा नदी में क्रूज चलाने की सोच को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि अवैध खनन ने पहले ही नर्मदा को निगल लिया है। अब बची खुची कसर क्रूज चलाने में पूरी करना चाहते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने एक समाचार पत्र में खबर पढ़ी है कि गंगा जी की तरह ही नर्मदा जी में भी पर्यटकों के लिए मनोरंजन के लिए क्रूज चलाने का विचार हो रहा है। गंगा जी में सनातन काल से ही यातायात होता रहा है। किंतु नर्मदा मैया एकमात्र धारा है, जिनकी परिक्रमा होती है। क्योंकि नर्मदा जी साक्षात शिव है जो कि धारा के रूप में रहते हैं। इसके आगे उन्होंने कहा, नर्मदा जी की सिंचाई गौपालन तथा परिक्रमा का सतोगुण पर्यटन संभव है। क्रूज चलाने की सोच को तो जड़ से उखाड़ फेंकेंगे। क्योंकि नर्मदा जी की सतोगुणी तरीके से भी बहुत रोजगार देती आई है तथा देती रहेंगी। आधा तो अवैध खनन ने ही नर्मदा जी को निगल लिया अब और रही सही कसर क्या क्रूज से भी पूरी कर देंगे।
उमा ने एक साथ किए कई ट्वीट
बता दें कि उमा भारती का क्रोध बीजेपी के लिए कई बार मुसीबत का सबब बन चुका है। ऐसे कई मुद्दे हैं जिनपर वो अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोलने से भी नहीं चूकीं। अब उन्हें ये खबर लगी है कि नर्मदा नदी में क्रूज चलाने की बात पर विचार हो रहा है और इस बात ने उन्हें फिर नाराज कर दिया है। इसे लेकर सोमवार को उमा ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए साफ साफ चेतावनी दे दी है। उमा भारती ने ट्विटर पर यह भी लिखा कि यह विचार हमारा हो ही नहीं सकता अगर यह विचार कुछ अधिकारियों के दिमाग में आया है तो इस सोच को ही हम जड़ से उखाड़ फेकेंगे। आपको याद होगा कि दिग्विजय सिंह जी की सरकार के समय पर खजुराहो में ही हमने कैसोनी शुरू ही नहीं होने दिए थे।