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रीवा: लोगों का चलना हो रहा मुश्किल, उखड़ गई गुणवत्ता विहीन बनी 401 प्रधानमंत्री सड़कें

प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पिछले कुछ सालों में जिले में बनाई गई 401 सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि यह सभी सड़कें अभी गारंटी अवधि में हैं। बावजूद इसके इन मार्गों से गुजरने वाले राहगीरों को हिचकोले खाते सफर तय करना पड़ता है।

रीवा। ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाने के लिए दो दशक पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की गई थी। जिसमें हर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने का काम शुरू किया गया। वर्तमान समय में स्थित यह है कि काफी समय से सड़क निर्माण के लिए बजट का ही आवंटन नहीं हो सका है किन्तु जिन सड़कों का निर्माण चार साल से लेकर अब तक कराया गया वह परफार्मेंस अवधि में ही गड्ढों में तब्दील हो गई है। ऐसा देखने को मिला है रीवा जिले में। यहां पर हालत यह है कि जिले की 401 सड़कें चलने लायक नहीं बची है। वहीं अधिकारियों ने भी इनकी जांच कराना उचित नहीं समझा है और अब इनके पांच साल पूरे होने का इंतजार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारी कर रहे है।

पैच के नाम पर खानापूर्ति
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पिछले कुछ सालों में जिले में बनाई गई 401 सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि यह सभी सड़कें अभी गारंटी अवधि में हैं। बावजूद इसके इन मार्गों से गुजरने वाले राहगीरों को हिचकोले खाते सफर तय करना पड़ता है। बता दें कि परफार्मेंस अवधि में ही सड़कों का यह हाल हो जाना साबित करता है कि ठेकेदारों द्वारा बनाई गई सड़क में कांक्रीट से ज्यादा भ्रष्टाचार मिलाया गया था। साथ ही सड़क की मजबूती तय करने वाले इंजीनियर, आॅडीटर ने भी ठेकेदारों से अपनी जेबें भरवाई हैं।

नहीं हो रही जांच
गौरतलब है कि गारंटी अवधि में सड़कों का क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद ठेकेदारों की यह जवाबदारी होती है कि वह जर्जर मार्ग को पुन: दुरुस्त करें। परंतु इस संबंध में विभाग के अधिकारी ठेकेदारों पर कोई खास दबाव बनाने में असफल रहे और न ही ठेकेदारों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई है। बता दें कि जिले की कई ऐसी प्रधानमंत्री ग्राम योजना की सड़कें है जिनकी शिकायतें भी सीएम हेल्प लाइन में की गई। बावजूद इसके बिना निराकरण के ही अधिकारी फोर्सली क्लोज करने का प्रयास करते हैं। स्थित यह है कि इन निराकरण किए बिना ही जानकारी मुख्यालय को भेजी जा रही है।

यह सड़कें हो गई खस्ताहाल
हाल ही में विभिन्न क्षेत्रों में बनाई गर्इं प्रधानमंत्री सड़कों की हालत खस्ताहाल हो गई है। जिसमें सबसे प्रमुख सड़क रीवा से बोदा से हुए मझियार के लिए जाती है। इस सड़क का निर्माण अभी चार साल भी पूरे नहीं हुए और पूरी तरह से उखड़ चुकी है। ठेकेदार द्वारा अब तक कोई सुधार नहीं किया गया। इसी प्रकार सेमरिया, सोहागी, मनिकवार, रायपुर कर्चुलियान, गुढ़, दुआरी, त्योंथर, गढ़ी, रौसर, गोविंदगढ़ जैसे दर्जनों इलाकों में बनाई गई प्रधानमंत्री सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। गोदहा मोड़ से सिरमौर मोड़ तक 16 किमी. लम्बी सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री योजना के तहत कराया गया था जो कि भारी वाहनों और ओवरलोड वाहनों का भार सहने की क्षमता नहीं रखती। फिर भी भारवाहक वाहनों के इस रोड पर गुजरने से यह सड़क खाइयों में तब्दील होती जा रही है। वहीं सेमरिया से सतना मार्ग एवं सेमरिया से सिरमौर मार्ग की हालत दयनीय हो गई है।

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