कूनो में तेंदुओं की संख्या बहुत ज्यादा, हमला कर सकते हैं चीतों पर: विशेषज्ञों ने जताई चिंता
कूनो राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक उत्तम शर्मा ने स्वीकार किया है कि इस उद्यान में 70 से 80 तेंदुए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की 'भारत में तेंदुओं की स्थिति 2018' रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 3,421 तेंदुए होने का अनुमान है, जो देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है।
श्योपुर। मध्यप्रदेश सरकार ने 17 सितंबर को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीतों को लाकर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के छोटे बाड़े में छोड़ा था। इन सभी चीतो को कूनो में छोड़ने के लिए खुद प्रधानमंत्री आए थे। इनको यहां रहते लगभग 50 दिन बीत भी गए हैं। अब 8 चीतों में से दो चीतों को बीते 5 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। बाकी को चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। इन सब तैयारियों के बीच दक्षिण अफ्रीका के एक चीता संरक्षणवादी और कुछ अन्य विशेषज्ञों ने कूनों में नेशनल पार्क में तेदुओं की बड़ी संख्या पर चिंता जताई है।
उन्होंने पार्क में तेंदुओं और चीतों के बीच संभावित संघर्ष को लेकर चिंता जताई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि दोनों मांसाहारियों का सह-अस्तित्व का इतिहास भी रहा है। सितंबर में नामीबिया से आठ चीतों के साथ कूनो नेशनल पार्क के लिए उड़ान भरने वाले 40 साल के विन्सेंट मर्व ने एक न्यूज एजेंसी को फोन पर बताया कि दक्षिण अफ्रीका में जितने चीते मरते हैं, उनमें से नौ प्रतिशत का शिकार तेंदुओं द्वारा किया जाता है। बता दें कि मर्व को दक्षिण अफ्रीका से भारत में 12 और चीते लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चीता धरती पर सबसे अधिक तेज दौड़ने वाला जानवर है और दुनिया में अधिकांश चीते अफ्रीका में पाए जाते हैं। तेंदुओं को चीतों पर हमला करने के लिए जाना जाता है।
कूनो में है 70-80 तेंदुए
कूनो राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक उत्तम शर्मा ने स्वीकार किया है कि इस उद्यान में 70 से 80 तेंदुए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ‘भारत में तेंदुओं की स्थिति 2018’ रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 3,421 तेंदुए होने का अनुमान है, जो देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है। इसके बाद कर्नाटक का स्थान आता है, जहां लगभग 1,783 तेंदुए मौजूद हैं। एक वयस्क चीते का वजन 40 से 50 किलोग्राम और तेंदुए का वजन 50 से 60 किलोग्राम के बीच होता है।
पूरी तरह वयस्क न होने पर चीते हो जाते हैं तेंदुए का शिकार
विन्सेंट मर्व की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब 1,200 वर्ग किलोमीटर में फैले कूनो राष्ट्रीय उद्यान के कोर और बफर क्षेत्र में 70 से 80 तेंदुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है। दक्षिण अफ्रीका में 31 चीता स्थानांतरण परियोजनाओं में हिस्सा ले चुके मर्व ने कहा कि वयस्क चीता तेंदुए को नजरअंदाज करता है और सामना होने पर यदि जरूरत पड़ी तो तेंदुए को भगा भी देता है। उन्होंने बताया, ”लेकिन चीता शावक और पूरी तरह से वयस्क न हुए चीते अक्सर तेंदुओं का शिकार बन जाते हैं।”