नई दिल्ली। आज मार्च महीने का आखिरी दिन है और कल यानी 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2025-26 की शुरूआत होने जा रही है। हर महीने की तरह एक अप्रैल से भी देश में कई बड़े बदलाव भी लागू होंगे। जिसका सीधा हर घर और हर जेब पड़ेगा। इन बदलावों में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों, टैक्स, बैकिंग, डेबिट कार्ड से लेकर क्रेडिट कार्ड, जमा, बचत व जीएसटी से जुड़े नियमों पर बलदाव होगा। यही नहीं हाइवे पर यात्रा करना भी महंगा हो सकता है, क्योंकि कई रूट पर टोल टैक्स में इजाफा होने वाला है। इस तारीख से आपकी जेब और जिंदगी पर सीधा असर डालने वाले कई बड़े बदलाव होने वाले हैं। इन बदलावों का मकसद अर्थव्यवस्था की रफ्तार को मजबूती देना है।
पहला बदलाव- एलपीजी की कीमतें
हर महीने की पहली तारीख को आॅयल एंड गैस डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं और 1 अप्रैल, 2025 को भी इनमें बदलाव देखने को मिल सकता है। बीते कुछ समय में जहां 19 किलोग्राम वाला एलपीजी सिलेंड की कीमतों घट-बढ़ देखने को मिली है, तो वहीं लंबे समय से रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें यथावत बनी हुई हैं। ऐसे में नए वित्त वर्ष की शुरूआत के साथ लोगों को 14 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमतों में राहत भरे बदलाव की उम्मीद है।
दूसरा बदलाव: क्रेडिट कार्ड से जुड़े बेनेफिट में कटौती
एसबीआई कार्ड्स ने एक अप्रैल से कुछ लोकिप्रय क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट्स घटाने की घोषणा की है। सिंपली क्लिक एसबीआई कार्ड यूजर्स को स्विगी पर 10 गुना की जगह सिर्फ पांच गुना रिवॉर्ड पॉइंट मिलेंगे। एअर इंडिया एसबीआई प्लैटिनम क्रेडिट कार्ड पर पहले हर 100 रुपये खर्च करने पर 15 रिवॉर्ड पॉइंट मिलते थे, जो घटकर 5 रह जाएंगे। एअर इंडिया एसबीआई सिग्नेचर क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट 30 के बजाय सिर्फ 10 रह जाएंगे। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 31 मार्च, 2025 से क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड के माइलस्टोन बेनेफिट बंद करने जा रहा है।
तीसरा बदलाव: एटीएम से पैसे निकालना महंगा, हर अतिरिक्त निकासी पर 23 रुपये शुल्क
एटीएम से पैसे निकालना एक मई, 2025 से महंगा हो जाएगा। आरबीआई ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर एटीएम इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव से एटीएम का बार-बार इस्तेमाल करने वाले ग्राहक प्रभावित होंगे, क्योंकि शुल्क वृद्धि से निकासी लागत बढ़ जाएगी।अधिसूचना के मुताबिक, एक मई से ग्राहकों को मुफ्त निकासी सीमा के बाद हर लेनदेन के लिए दो रुपये अतिरिक्त देने होंगे। यानी हर नकद निकासी पर 21 रुपये की जगह अब 23 रुपये शुल्क लगेगा। दरअसल, एटीएम से मुफ्त नकदी निकासी की एक सीमा तय है। मेट्रो शहरों में ग्राहक एक महीने में अपने बैंक के एटीएम से पांच बार और दूसरे बैंक के एटीएम से तीन बार बिना किसी शुल्क के पैसे निकाल सकते हैं। इसके बाद ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
चौथा बदलाव: यूपीएस की शुरूआत
नए टैक्स ईयर की शुरूआत के साथ पहली अप्रैल से केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटीकृत पेंशन देने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस की शुरूआत होने जा रहा है। पोर्टल पर 1 अप्रैल से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अप्लाई कर सकेंगे। अगर कर्मचारी यूपीएस के तहत पेंशन पाना चाहता है तो उन्हें यूपीएस का आॅप्शन सेलेक्ट करने के लिए क्लेम फॉर्म भरना होगा। अगर वे यूपीएस का चयन नहीं करना चाहते हैं तो एनपीएस का विकल्प चुन सकते हैं। इसके तहत 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएसऔर एनपीएस में से कोई एक विकल्प चुनना होगा। केंद्र सरकार यूपीएस विकल्प चुनने वाले सभी कर्मचारियों के (बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता) का अनुमानित 8.5% अतिरिक्त अंशदान भी प्रदान करेगी। यूपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन 10,000 रुपये प्रति माह होगा, जो यूपीएस द्वारा न्यूनतम दस साल की सर्विस को पूरा करने पर दी जाएगी।
पांचवा बदलाव: बचत और एफडी पर ब्याज दरों में संशोधन
कई बैंकों ने एक अप्रैल से ही बचत और एफडी खाते के ब्याज दरों में बदलाव करने की घोषणा की है। इसके मुताबिक, खाते में जमा राशि के आधार पर ब्याज दरों का निर्धारण किया जाएगा। यानी खाते में बड़ी राशि रखने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज दिया जा सकता है।
छठवां बदलाव: न्यूनतम बैलेंस के सख्त होंगे नियम
बैंकों में न्यूनतम बैलेंस के नियम और सख्त होने जा रहे हैं। एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा समेत कई बैंकों के ग्राहकों को एक अप्रैल से शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अपने बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करना पड़ सकता है। ऐसा नहीं करने पर जुमार्ना भरना पड़ेगा।?जुमार्ना राशि बैंक खाते की श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग होगी। बैंक ग्राहकों को शहरी इलाकों में 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना पड़ सकता है।
सातवां बदलाव: जीएसटी पंजीकरण 30 दिन में
वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने व्यवसायों के लिए ई-इनवॉइसिंग प्रक्रिया में बदलाव किया है। एक अप्रैल, 2025 से, 10 करोड़ रुपये से अधिक और 100 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाले व्यवसायों को इनवॉइस जारी होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इनवॉइस पंजीकरण पोर्टल पर ई-इनवॉइस अपलोड करना होगा। वर्तमान में यह 30 दिवसीय प्रतिबंध सिर्फ 100 करोड़ या उससे अधिक वाले व्यवसायों पर लागू होता है। अगर कोई ई-चालान 30 दिनों के भीतर अपलोड नहीं किया जाता है, तो इसे आईआरपी की ओर से स्वचालित रूप से खारिज कर दिया जाएगा।