जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली सीएम को जमानत देते हुए कहा- केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। उन्होंने कहा कि वे एक निर्वाचित नेता हैं और यह उन पर निर्भर करता है कि वे इस पद पर बने रहना चाहते हैं या नहीं। वहीं जस्टिस ने कहा कि हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि हम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद और केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले दर्ज किए गए गवाहों के बयानों को देखना चाहते हैं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया था कि हवाला लेनदेन के लेकर और सबूत पाए गए थे।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आॅगस्टीन जॉर्ज मसीह ने अलग-अलग फैसला सुनाया लेकिन दोनो की राय समान है। कोर्ट का कहना है कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 1986 दरअसल सेक्युलर लॉ को दरकिनार नहीं कर सकता।
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