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भारतीय जनता पार्टी

नादानी में राहुल से मुकाबला करने पर क्यों आमादा है भाजपा

राहुल जिस तरह पानी पी-पीकर हिंदुओं और हिंदुत्व को कोस रहे थे, उसके चलते यह तय था कि यदि उनकी आक्रामकता का यही रुख जारी रहने दिया जाता तो वह बोलने के रौ में हिंदुओं को लेकर खुद और अपनी पार्टी की विचारधारा को एक्सपोज कर देते। आखिर भाजपा को हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव में चौबीस करोड़ वोट और 240 सीटें मिली हंै। कांग्रेस को भाजपा से पूरे दस करोड़ वोट कम मिले हैं।

डॉ. यादव के मंत्रिमंडल में नामदार नहीं, केवल कामदारों की जरूरत

डॉ. मोहन यादव के लिए बड़ा जोखिम है। गृह विभाग उनके पास ही रहेगा। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है कि बेहद लोकप्रिय और कालांतर में चुनौती-विहीन साबित हुए शिवराज सिंह चौहान तक इस महकमे को संभालने से बचते रहे। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने यह विभाग खुद ही संभाला है और उनके इस निर्णय को राज्य में कठोर कानून-व्यवस्था से सीधे जोड़कर देखा जाता है।

भाजपा का सयानापन और कांग्रेस का बचपना

कांग्रेस व्यवहारिकता के हिसाब से मुद्दों के टोटो और उनके नाम पर तोता रटंत की शिकार होकर रह गयी। जबकि भाजपा ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह अपने सामाजिक समरसता वाले वाक्य के अनुरूप आगे बढ़ने में ही यकीन रखती है।

खुद शिवराज ही बड़ी चुनौती रहेंगे मोहन यादव के लिए

नए मुख्यमंत्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद शिवराज सिंह चौहान ही साबित होंगे। इस बात को किसी नाराजगी या विद्रोह से जोड़कर न देखा जाए। यह चुनौती इस रूप में होगी कि अपने अब तक के कार्यकाल में शिवराज ने जो लोकप्रियता, सफलता और सक्रियता के कीर्तिमान स्थापित किए, उनसे आगे जाए बगैर यादव यह स्थापित नहीं कर सकेंगे कि पार्टी का उनके प्रति विश्वास एकदम सही था।

राजनीति की हथेली पर छर्रे का यह खेल

बिहार (Bihar) में फिर राजनीतिक बदलाव की बयार किसी आंधी में परिवर्तित हो चुकी है। इस राज्य में गंगा का विस्तार इतना अधिक है...

वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता…

देश की मौजूदा राजनीति और खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ध्यान में रखकर होने वाली विपक्षी दलों की राजनीति पर अकबर इलाहाबादी (Akbar...

भाजपा के लिए ‘करो या मरो’ की स्थिति

अब यह बे-शक और बे-हिचक कहा जा सकता है कि ओबीसी (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण (27 percent reservation) देने के मसले पर भारतीय...

कहां जरूरत है भाजपा को शिवराज का विकल्प तलाशने की…..

सचमुच यह तूफान से कश्ती को सुरक्षित तरीके से निकाल लाने जैसी बात है। ऐसा करिश्मा शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कर...

भाजपा के लिए जरूरी है कि याद रखे ठाकरे को

दो बड़े सवाल हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने पितृ-पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे (Kushabhau Thackeray) का केवल स्मरण कर रही है? या फिर उनका जन्म...

जड़ में जाकर इस गलती को सुधारे भाजपा

यह अंहकार है? मूर्खता है? मदहोशी है? या फिर है इन सबका मिला-जुला असर? राष्ट्र और राष्ट्रवाद (nation and nationalism) को अपनी प्राथमिकता में...

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