भोपाल। भाजपा के संस्थापक स्वर्गीय कैलाश सारंग की जयंती पर सोमवार को सुभाष नगर खेल मैदान में मातृ-पितृ भक्ति दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संबोधित किया। डॉ. यादव ने कहा कि मंत्री विश्वास सारंग द्वारा माता-पिता की स्मृति में आयोजित यह आयोजन सराहनीय है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए माता-पिता के साथ बिताया समय यादगार होता है। प्रत्येक व्यक्ति का जन्म लेना और मृत्यु को प्राप्त होना तय है। लेकिन जन्म और मृत्यु के मध्य यात्रा कितनी सार्थक रही यह महत्वपूर्ण है।
सीएम ने कहा कि स्वर्गीय कैलाश सारंग जी ने भी जीवन में सेवा कार्यों को अपनाया। हमारी भारतीय संस्कृति में सेवा का विशेष महत्व है और यह सनातन संस्कृति की पहचान भी है। कर्मों के आधार पर जीवन बनता है। मध्यप्रदेश सरकार ने राजा भभूत सिंह के संघर्ष को सम्मान देने के लिए पचमढ़ी में कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया है। नई पीढ़ी को ऐसे गौरवशाली व्यक्तित्व के बारे में जानकारी देना आवश्यक है, ताकि युवा पीढ़ी विरासत पर गर्व करे और लोगों के जीवन को बदलने के अभियान में सहभागी बने। भारत में कुटुंब परंपरा है और श्री विश्वास सारंग ने बुजुर्गों की सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल की है।
कार्यक्रम को लेकर वीडी ने की मंत्री सारंग की तारीफ
वहीं वीडी शर्मा ने कहा कि प्रदेश शासन के मंत्री सारंग मातृ-पितृ भक्ति दिवस का आयोजन कर सेवा के भाव को सार्थक कर रहे हैं। मैं मध्यप्रदेश भाजपा की ओर से स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग की जो श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं और यह विश्वास दिलाता हूं कि स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग द्वारा पार्टी संगठन, कार्यकतार्ओं और समाज की सेवा के लिए किए गए कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। मध्यप्रदेश के पार्टी कार्यकर्ता भी स्वर्गीय सारंग जी से प्रेरणा लेकर संगठन और सेवा के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। मध्यप्रदेश में पार्टी संगठन को गढ़ने और उसे विशाल वट वृक्ष बनाने में स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग की अहम भूमिका है। हम सब पार्टी कार्यकर्ता उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए पार्टी संगठन को और आगे ले जाने का कार्य कर रहे हैं।
शिवराज की अपील: करते रहें बुजुर्गों की सेवा
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग जी, प्रदेश शासन के मंत्री श्री विश्वास सारंग के पिता ही नहीं थे, हम जैसे हजारों कार्यकर्ताओं के पालक, मार्गदर्शक रहे हैं। मैं तो उन्हें चाचाजी जी कहता था। स्वर्गीय सारंग ने पार्टी संगठन को गढ़ने में बड़ी तपस्या की है। स्वर्गीय सारंग जी स्वयं नर्मदा के किनारे बरेली में वर्षों तक वृद्धाश्रम का संचालन कर बुजुर्गों की सेवा करते रहे हैं। आज उनके बेटे व मंत्री विश्वास सारंग ने माता-पिता की स्मृति में बुजुर्गों की सेवा का जो महाअभियान हाथ में लिया है उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। लेकिन मैं सबसे अपील करता हूं कि मृत्यु के बाद नहीं, जिंदा रहते हुए भी हम सभी को अपने-अपने माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए। स्वर्गीय कैलाश सारंग जी द्वारा बुजुर्गों के सेवा के कार्य को हम सभी को आगे बढ़ाना है।