जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से बच्चों की मृत्यु के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी गलतियों का खामियाजा मध्य प्रदेश ने भुगता।
तमिलनाडु में निर्मित दवा के उपयोग से बच्चों की मृत्यु हुई है। प्रारंभिक जांच में मैन्युफैक्चरिंग स्तर पर त्रुटियों का पता चला है।
हमारी पुलिस ने जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन दुर्भाग्यवश तमिलनाडु सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।
प्रदेश सरकार मानवीय और प्रशासनिक दोनों आधार पर कार्रवाई जारी रखेगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
डॉ. यादव ने नागपुर के एम्स में भर्ती बच्चों और उनके परिजनों से मिलने के बाद मीडिया से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने सवाल उठाया कि किसने इस कंपनी को ड्रग लाइसेंस दिया? छोटी जगह पर फैक्ट्री कैसे संचालित हो रही थी? बिना जांच के लाइसेंस कैसे रिन्यू किया गया? उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से आग्रह किया कि वे तमिलनाडु जाकर वहां की स्थिति का अवलोकन करें और सरकार के खिलाफ धरना दें। उधर, तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने बताया कि श्रीसन फार्मास्युटिकल का लाइसेंस फिलहाल अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है और विस्तृत जांच के बाद इसे स्थायी रूप से रद किया जाएगा।
कोल्ड्रिफ में मिले डायथिलीन ग्लाइकाल (डीईजी) की वजह से बच्चों की मौत का यह पहला मामला नहीं है। बीते वर्षों में सैकड़ों बच्चे डीईजी की वजह से जान गंवा चुके हैं। इसकी शुरुआत भी तमिलनाडु से ही हुई।