भोपाल। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने केंद्र की मोदी सरकार और मप्र सरकार से आयकर (आईटी) रिफंड की तर्ज पर जीएसटी वापसी करने की मांग की है। जीतू पटवारी ने सोमवार कहा कि जिस तरह आयकर (आईटी) रिफंड की व्यवस्था है, उसी तरह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में भी रिफंड की नीति आम जनता के लिए लागू की जाए। साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में जिन उपभोक्ताओं ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान किया है, उन्हें जीएसटी दरों में कमी के बाद अतिरिक्त भुगतान की राशि का रिफंड मिलना चाहिए।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने कहा है कि मोदी सरकार ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बनाकर आम जनता की जेब पर डाका डाला है। पिछले कई वर्षों में जीएसटी के माध्यम से सरकार ने लगभग 55 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए, जिसका बोझ गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी दरों में कमी अब केवल आगामी बिहार चुनाव जैसे राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है, न कि जनता की भलाई के लिए।
राहुल के कहने पर भी जीएसटी को बनाए रखा जटिल
जीतू पटवारी ने आगे कहा कि राहुल गांधी शुरू से कहते रहे हैं कि जीएसटी को एक स्लैब में लाया जाए ताकि यह आम जनता की पहुंच में हो और उनकी जेब पर बोझ न पड़े, लेकिन मोदी सरकार ने न केवल जीएसटी को जटिल बनाए रखा, बल्कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के बीच जनता की क्रय शक्ति को भी कमजोर किया।
कृषि यंत्रों पर जीएसटी जैसे मुद्दों को रेखांकित किया
उन्होंने विशेष रूप से कृषि यंत्रों पर जीएसटी जैसे मुद्दों को रेखांकित किया, जिन्हें तत्काल संशोधित करने की आवश्यकता है। पटवारी ने मांग की है कि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार पिछले वर्षों में 18 प्रतिशत के बजाय 28 प्रतिशत की दर से लिए गए अतिरिक्त जीएसटी का रिफंड सुनिश्चित करें। यह जनता का अधिकार है और सरकार को इसके लिए नीति बनानी चाहिए।
गरीबों पर डाले गए आर्थिक बोझ के लिए देश से माफी मांगें पीएम
पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह जीएसटी के माध्यम से पिछले कई वर्षों से गरीबों पर डाले गए आर्थिक बोझ के लिए देश से माफी मांगें। उन्होंने कहा, ष्पीएम मोदी को अब राहुल गांधी के विजन की सच्चाई समझ आ गई है, लेकिन उनकी नीतियों ने एक बड़े वर्ग को गरीबी में धकेल दिया है। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।