भोपाल। मप्र सरकार प्रदेश के निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने के बड़ा फैसला लिया है। दरअसल अब निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को काउंटर पर रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य होगा। यही हनंी मरीज या उनके परिजनों द्वारा मांग करने पर रेट लिस्ट दिखाना अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी भी होगी। इसका उद्देश्य मरीजों और उनके परिजनों के अधिकारों की रक्षा करने और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
जारी किए गए निर्देश के अनुसार यदि किसी अस्पताल को रेट लिस्ट में में संशोधन करना होगा तो इसकी लिखित सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को देना अनिवार्य होगा। अनुमति मिलने के बाद संशोधित रेट लिस्ट को भी प्रमुखता से काउंटर पर लगाना होगा। आदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राठी ने कहा है कि समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। रेट लिस्ट के बिना अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन है, मनमानी शुल्क वसूलने की घटनाओं को रोकने के लिए सतत निरीक्षण करने के आयुक्त ने निर्देश दिये हैं।
अस्पतालों में पालन कराएंगे सीएमएचओ
यह निर्देश मध्यप्रदेश उपचयार्गृह और रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम, 1973 और नियम, 1997 (यथासंशोधित 2021) के नियम 17 के अनुसार जारी किए गए हैं। सभी निजी चिकित्सालयों को यह तय करना होगा कि वे इन प्रावधानों का पालन करें। आयुक्त राठी ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इसका पालन कराने के निर्देश दिए हैं। बता मप्र के निजी अस्पतालों में जमकर लूट मची हुई है। ऐसे में राज्य सरकार ने मरीजों को लुटने से बचाने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि निजी अस्पताल या नर्सिंग होम्स को खर्च का ब्यौरा सार्वजनिक करना होगा। इनके मैनेजमेंट को बताना होगा कि उनके अस्पताल या नर्सिंग होम में किस जांच की कितनी फीस ली जाएगी।