सिक्किम के उत्तरी क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद हुए भीषण भूस्खलन में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं, जबकि छह जवान अब भी लापता हैं. वहीं लाचेन और लाचुंग में फंसे 1600 से अधिक पर्यटकों को दो दिन बाद सुरक्षित गंगटोक लाया गया.
सोमवार सुबह चाटेन क्षेत्र में भूस्खलन के दौरान हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनीश ठाकुर, और पोर्टर अभिषेक लखड़ा की जान चली गई. सेना की ओर से जारी बयान में बताया गया कि लापता जवानों को खोजने के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बचाव कार्य लगातार जारी है. भारी बारिश और कठिन भौगोलिक हालात के बावजूद राहतकर्मी अपना काम कर रहे हैं.
लगातार दो दिन तक बारिश के कारण लाचेन और लाचुंग क्षेत्रों से संपर्क टूट गया था, जहां 1500 से अधिक पर्यटक फंसे हुए थे. सोमवार सुबह मौसम में सुधार होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. सिक्किम प्रशासन, भारतीय सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, पर्यटन विभाग और अन्य एजेंसियों के समन्वय से इस कार्य को अंजाम दिया गया. 284 गाड़ियों और 16 बाइकों की सहायता से कुल 1,678 पर्यटकों को निकाला गया. इनमें 737 पुरुष, 561 महिलाएं और 380 बच्चे शामिल थे. सभी को सुरक्षित गंगटोक के फिदांग मार्ग से लाया गया.
पर्यटकों का स्वागत डीजीपी अक्षय सचदेवा, जिला मजिस्ट्रेट अनंत जैन, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया. पर्यटकों ने सरकार और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया.
रविवार रात चाटेन क्षेत्र में हुए भूस्खलन में एक और दुखद घटना सामने आई. जानकारी के अनुसार, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीतपाल संधू, उनकी पत्नी आरती संधू, बेटी अमायरा, और सेना के अन्य जवान सूबेदार धर्मवीर, सिपाही सैनुदीन पीके, तथा सिपाही सुनीलल भी लापता हैं.
मंगन के जिला मजिस्ट्रेट अनंत जैन ने बताया कि, पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक लाया जा रहा है. लापता जवानों और नागरिकों की खोजबीन का कार्य भी जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी विभाग मिलकर रेस्क्यू कार्य में लगे हुए हैं.