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निहितार्थ

इस पीड़ा का निदान तलाशना जरूरी है….. 

किसी कलंक को ढोना जितना अधिक घातक है, उतना ही अधिक घातक उस कलंक को धोने में किया जाने वाला विलंब होता है। फिर...

आसान नहीं है शिवराज को समझना

राजनेताओं द्वारा जनता के बीच जाने की खबरों की उम्दा स्क्रिप्ट पढ़ने और लिखने का मुझे हमेशा से शौक रहा है। यहां मैं उनके...

वैचारिक रूप से भी मोहताज कांग्रेस !

संत कबीरदास (Saint Kabir Das) लिख गए हैं, 'लाली मेरे लाल की, जित देखूं तित लाल। लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गयी...

मत इठलाइये इस उपलब्धि पर

क्या ये सचमुच इतनी बड़ी उपलब्धि है कि इसे भाजपा (BJP) की रणनीतिक सफलता की संज्ञा दे दी जाए? क्या ये इतनी बड़ी सफलता...

यूपी में कांग्रेस का यह रोचक प्रयोग

इसे निश्चित ही पीड़ा और उसके विरुद्ध संघर्ष को महत्व देने का मामला कहा जा सकता है। उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में कांग्रेस (Congress) ने...

संभलिए सूर्यांश के ऐसे अंत से

भोपाल (Bhopal) में ग्यारह साल के बच्चे की आत्महत्या (suicide) ने झकझोर कर रख दिया। पांचवी कक्षा (fifth standard) में पढ़ने वाले सूर्यांश (Suryansh)...

‘रस्ते का माल सस्ते में’ वाली पत्रकारिता

यह दमित कुंठाओं के विस्तार का अद्भुत तरीका है। गजब का बुद्धि विलास है। रविश कुमार (Ravish Kumar) के पेट में मरोड़ उठ रही...

तो लड़की को आखिर किसके लिए लड़ना है…..

पता नहीं प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को भारत (India) के पौराणिक, प्राचीन और आजाद भारत (Ajad bharat) के आधुनिक इतिहास का कितना...

तो सूर्य की रोशनी लेने को भी कह दीजिए ‘हराम’

मूर्खता का चरम यूं ही आत्मघाती नहीं कहलाता। उस पर इस चरम वाले तत्व में यदि चरमपंथ का तड़का लग जाए, तो फिर बात...

सच से इतना डर कैसा?

कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के लिए जो शब्द इस्तेमाल किए, उनका निश्चित ही विरोध किया जाना चाहिए। कालीचरण उस...

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