भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने डायल 112 के लिए स्कॉर्पियो खरीदी में घोटाले के आरोपों का खंडन किया है। मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने फैक्ट चेक में पाया कि डायल 112 के तहत खरीदी गई गाड़ियों को लेकर दावा भ्रामक है। एक व्यक्ति ने मध्य प्रदेश सरकार पर स्कॉर्पियो खरीद में घोटाले के आरोप लगाए थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर व्यक्ति ने दावा किया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने डायल 100 की जगह अब 112 कर दी है, जिसके लिए 1200 नई गाड़ियां खरीदी गई हैं, जिसमें 600 स्कॉर्पियो और 600 बोलेरो खरीदी गई हैं। जो गाड़ियां 30 से 40 लाख में आ जाती हैं, उन गाड़ियों को सरकार ने एक करोड़ से अधिक रकम में खरीदा है। 1200 गाड़ियां 1500 करोड़ में खरीदी गई हैं।
सरकार ने गाड़ियां खरीदी नहीं, बल्कि किराएं पर ली
इसका फैक्ट चेक करने के बाद मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग ने बताया कि यह गाड़ियां खरीदी नहीं गई हैं, बल्कि सरकार की तरफ से किराए पर ली गई हैं। जनसंपर्क विभाग ने यह भी बताया कि डायल 112 का कुल टेंडर लगभग 972 करोड़ का है, न कि 1500 करोड़ रुपए। यह राशि 1 साल की नहीं, बल्कि 5 साल की अवधि के लिए है।
972 करोड़ रुपए में यह सब भी शामिल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए जनसंपर्क विभाग ने कहा, टेंडर की 972 करोड़ रुपए की इस राशि में सिर्फ गाड़ियों का किराया ही शामिल नहीं है, बल्कि 1200 एफआरवीएस (गाड़ियां) के संचालन, रखरखाव और लगभग 5000 कर्मचारियों का वेतन (719.75 करोड़ रुपए) भी है। इसके अलावा स्टेट कमांड सेंटर, डेस्कटॉप्स और 500 से अधिक कर्मचारियों का वेतन (78.5 करोड़ रुपए) शामिल है। इसमें आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सर्वर आदि) और उनका रखरखाव (174 करोड़ रुपए) भी शामिल है। जनसंपर्क विभाग ने जानकारी दी कि बोलेरो को 32 हजार रुपए प्रति महीना और स्कॉर्पियो गाड़ियों को 36 हजार रुपए प्रति महीना किराए पर लिया गया है। इस तरह कुल खर्च 5 साल के लिए 972 करोड़ रुपए प्रस्तावित है।