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कोतमा के व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट कर 45 लाख ठगे, की ठगी, गिरोह का सरगना विदिशा से अरेस्ट

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अनुपपुर। कोतमा-अनूपपुर के व्यवसायी आशीष ताम्रकार तनय अवधेश ताम्रकार को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठग 45 लाख रूपये ठग लिए। डरे सहमें व्यापारी ने पुलिस से शिकायत की जिस पर पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह के शातिर बदमाश सौरभ शर्मा 32 वर्ष को विदिशा जिले से गिरफ्तार कर लैपटाप, मोबाइल व ठगी के दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। पुलिस ने आरोपी सौरभ शर्मा पर धारा 419, 420, 34 आईपीसी का मामला दर्ज कर आज शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया और 4 दिन की रिमांड पर लेकर कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। पीड़ित की कोतमा में इलेक्ट्रानिक शॉप के साथ अन्य व्यवसाय है और वह वायदा बाजार में रूपये भी निवेश करने का काम करता था।

आठ साल से कर रहे ठगी
थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले गिरोह ने कोतमा के व्यापारी आशीष ताम्रकार को डिजिटल अरेस्ट कर पिछले 8 वर्ष में 45 लाख रुपये ठग लिए। कभी सीबीआई अधिकारी तो कभी जज हाईकोर्ट, वकील, पुलिस अफसर बनकर 45 लाख रुपए अलग-अलग खातों में लिया गया है। परेशान होकर व्यवसायी ने पुलिस से शिकायत की। आरोपी सौरभ शर्मा को विदिशा से दबोचते हुए पुलिस अभिरक्षा में लिया गया जिसके कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल सहित ठगी के दस्तावेजो को जप्त किया गया। पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश सरगर्मी से कर रही है।

व्यवसायी वायदा बाजार में करता था निवेश
पुलिस के अनुसार 8 वर्षों तक चले इस ठगी कांड में शामिल मुख्य सरगना महेंद्र शर्मा एवं साथी रवि डेहरिया की मौत हो गई। पीड़ित आशीष ताम्रकार की इलेक्ट्रॉनिक शॉप है। वायदा बाजार में पैसा इन्वेस्ट करते थे निवेश की गई राशि का 23 लाख रुपए वर्ष 2017 में मिलना था, जिसकी भनक शातिर जालसाजों को लग गई योजना बनाकर नीमच थाने के अधिकारी बनकर मिलने वाले 23 लाख रुपए को हवाला की रकम बताकर ठगने का सिलसिला शुरू कर दिया, डरे सहमे व्यापारी द्वारा गिरफ्तारी के डर से लगातार रुपयों की मांग पूरी की जाती रही थी। मोबाइल नंबरों के आधार पर आरोपी सौरभ शर्मा 32 वर्ष को अभिरक्षा में लेकर कोतमा थाने लाया गया।

अन्य आरोपियों की तलाश जारी
गिरोह में शामिल आरोपी लकी कुमावत निवासी सतवास पुनासा जिला खंडवा, चित्रांश ठाकुर सहित अन्य आरोपियों की तलाश तेजी से की जा रही है। डिजिटल अरेस्ट गिरोह के मुख्य सरगना आरोपी महेंद्र शर्मा 26 वर्ष था जिसकी 2022 में हत्या कर दी गई। जिसके खिलाफ विदिशा एवं अन्य जिलों के थाने में 30 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं,जिनमें हत्या, लूट, ठगी, हत्या करने की कोशिश सहित अन्य गंभीर मामले दर्ज हैं। ठगी की ज्यादातर रकम इसी के खाते में लगातार लिया जाता रहा वहीं एक और आरोपी रवि डेहरिया की भी दो माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई।

फर्जी कंपनी बनाकर करते है ठगी
आरोपियों द्वारा साइबर ठगी करने को लेकर प्रदेश की राजधानी भोपाल में आर बी ट्रेडर्स, तिरुपति फिनटेक सहित अन्य नाम की फर्जी कंपनियों को दिखावे के लिए खोलते थे जिनका उद्देश्य पूरा सेटअप बनाकर चोरी छिपे साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट का काम किया जाता था, पूरे काम को अंजाम देने के लिए आरोपियों द्वारा अलग-अलग नंबरों एवं खातों का उपयोग करता था। भोपाल में फर्जी कंपनी की भनक लोगों को लगने पर वहां से भागकर विदिश में नए नाम से कंपनी खोली गई। गिरफ्तार आरोपी सौरभ शर्मा ठगी के साथ, प्राइवेट काम करने के साथ जमीन दलाली की भी सौदेबाजी करता है। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला, लालजी श्रीवास्तव, रामखेलावन यादव, मनोज उपाध्याय,राजेंद्र अहिरवार, पंकज मिश्रा शामिल रहे।

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