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18वीं लोकसभा का पहला सत्र : पीएम मोदी बोले- तीसरे टर्म में तीन गुना ज्यादा करेंगे मेहनत, आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर भी जमकर बरसे

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नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज सोमवार से हो गया है। यह विशेष सत्र तीन जुलाई तक चलेगा। सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने सांसदों को लोकसभा सदस्य की शपथ दिलानी शुरू की। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सड़क परिवहन मंत्री नीतीन गड़करी, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चोहान सहित कई सांसदों ने शपथ ली। सांसदों की शपथ का कार्यक्रम दो दिनों तक चलता रहेगा। इससे पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। संविधान की मयार्दाओं का पालन करते हुए देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। देश को एक जिम्मदार विपक्ष की जरूरत है। इस दौरान पीएम ने आपातकाल को याद कर कांग्रेस को अपने निशाने पर रखा।

पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है, यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नव निर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं सबका अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं। पीएम मने कहा हमारे तीसरे कार्यकाल में पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे। हम परिणामों को तीन गुना ज्यादा लाकर रहेंगे। सांसदों से भी देश को बहुत अपेक्षाएं हैं। सांसदों से अनुरोध करूंगा कि देशहित में इसका उपयोग करें। हर संभव कदम जनहित में उठाएं। देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अब तक जो निराशा मिली है, विपक्ष इस बार खरा उतरेगा।

भारत की नई पीढ़ी नहीं भूलेगी आपातकाल को
प्रधानमंत्री ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कल 25 जून है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था। उन्होंने कहा कि अपने संविधान, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके, जो 50 साल पहले किया गया था। हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निदेर्शों के अनुसार सामान्य मानवी के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।

सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं हम
पीएम ने आगे कहा कि देश चलाने के लिए सबकी सहमति जरूरी है। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। यह खुशी की बात है कि सदन में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है। हमारे यहां 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता के 18 अध्याय हैं। पुराण और उप पुराणों की संख्या भी 18 है। 18 का मूलांक 9 है, जो पूर्णांक है।

मोदी बोले- श्रेष्ठ भारत का लक्ष्य लेकर 18वीं लोकसभा शुरू हो रही है
उन्होंने कहा किश्रेष्ठ भारत निर्माण का, विकसित भारत 2047 का लक्ष्य लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। विश्व का सबसे बड़ा चुनाव सबसे महत्वपूर्ण तरीके से होना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। मोदी बोले- संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरवमय है। यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ समारोह हो रहा है। अब तक जो प्रक्रिया पुराने सदन में होती थी, आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर मैं सब नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत अभिनंदन करता हूं और शुभकामनाएं देता हूं।

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