नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा लगाए गए अनियमितताओं के सारे आरोप निराधार और तथ्यहीन है। यह कहना है चुनाव आयोग। इतना ही नहीं चुनाव आयोग कांग्रेस के सभी आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव दर चुनाव निराधार आरोपों से दूर रहने की कड़ी नसीहत भी दी है। आयोग ने कहा कि गैर-जिम्मेदाराना आरोपों से जनता में अशांति अराजकता फैल सकती है। साथ ही आयोग ने कांग्रेस से दृढ़ और ठोस कदम उठाने और इस तरह की शिकायतों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का आग्रह किया। कांग्रेस के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 1642 पन्नों का जवाब भेजा है। इनमें आयोग ने जरूरी सबूत भी दिए हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना के दौरान ईवीएम में सामने आई विसंगतियों को लेकर कई शिकायतें सौंपी थीं। 20 विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेस उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाए हैं ‘जो ईवीएम 99 प्रतिशत चार्ज थीं, उन पर कांग्रेस पार्टी की हार हुई और जो ईवीएम 60-70 प्रतिशत चार्ज थीं, वहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की। ये हैरानी की बात है।’ कांग्रेस के इन्हीं आरोपों का करारा जवाब दिया है।

चुनाव आयोग ने मंगलवार को बयान जारी कर बीते एक साल के पांच ऐसे विशिष्ट मामलों का हवाला भी दिया है। आयोग ने इन मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को बिना किसी सबूत के चुनावी कार्यों पर आदतन हमलों से बचना चाहिये। आयोग ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर निराधार और सनसनीखेज शिकायतों के प्रति आगाह किया।
आयोग ने ‘सामान्य’ संदेह का दावा कर हवा बनाने का आरोप लगाया
चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को लिखे गए पत्र में ‘सामान्य’ संदेह का दावा कर हवा बनाने का आरोप लगाया। इस संदर्भ में आयोग ने कांग्रेस को सख्ती के साथ भविष्य में निराधार आरोपों से बचने का परामर्श भी दिया है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर निराधार और सनसनीखेज शिकायतों के प्रति आगाह किया। उन्हें चेताया है कि यह प्रयास कभी भी सच को झूठ और झूठ को सच नहीं कर सकते।
चुनावी प्रक्रिया के किसी चरण में नहीं हुई गलती
आयोग ने कहा है कि हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया के किसी भी चरण में कोई भी गलती नहीं थी। सब कुछ कांग्रेस के उम्मीदवार या उनके एजेंटों के सामने हुआ था। इसके लिए पार्टी को अपने कार्यकतार्ओं को विश्वास में लेना था। इसके बाद भी आयोग ने कांग्रेस द्वारा की गई 26 विधानसभा क्षेत्रों के संबंध में निर्वाचन अधिकारियों ने गहन पुनर्सत्यापन किया, बिंदुवार शिकायतों का अवलोकन किया।1600 पन्नों के जवाब में इस बात के भी सबूत दिए गए हैं कि कांग्रेस उम्मीदवारों के अधिकृत प्रतिनिधि सभी चरणों में मौजूद थे, जिसमें ईवीएम की बैटरी चालू करने के समय और उसके बाद लगातार 7-8 दिनों तक गिनती खत्म होने तक का समय शामिल है।
ईवीएम की बैटरी चार्जिंग को लेकर भी कांग्रेस के आरोप खारिज
ईवीएम में बैटरी डिस्प्ले की स्थिति के बारे में पूरी तरह से बेतुकी बात को खारिज करते हुए, चुनाव आयोग ने साफ किया कि बैटरी वोल्टेज और क्षमता का ईवीएम द्वारा वोट गिनती से कोई संबंध नहीं है। ऐसा कोई भी संदेह कि बैटरी का स्तर मतदान परिणामों को प्रभावित करता है, बेतुका है।