भोपाल। मध्यप्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी शनिवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने डीजीपी सुधीर सक्सेना से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक आरिफ मसूद, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और अन्य नेता भी थे। डीजीपी से मुलाकात के बाद जीतू पटवारी ने मप्र सरकार और प्रशासन पर जमकर हमला बोला। पटवारी ने आरोप लगाया कि प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी दहशत बनाकर भाजपा के एजेंडे पर का रहे हैं। छतरपुर, भिंड और उज्जैन की घटनाएं इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने छतरपुर की घटना को लेकर कहा कि यह राजनैतिक, सामाजिक घटना नहीं, बल्कि संवैधानिक प्रावधानों के विरूद्व घटना है। वे अपनी आदतें सुधारें अन्यथा मानव अधिकार आयोग में जाएंगे और सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाएंगे।
पीसीसी चीफ ने कहा कि उज्जैन में जायसवाल का मकान गिरा दिया, भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, सागर में मकानों को गिराया गया। इतना ही नहीं संविधान की स्थापित न्याय प्रक्रिया को नजरअंदाज करके भाजपा नेताओं के इशारें पर प्रशासन द्वारा पूरे प्रदेश में अन्य राजनैतिक दलों से जुड़े एवं अन्य सामान्य व्यक्तियों के मकान तोड़े जा रहे हैं। जिससे प्रदेश में बुलडोजर प्रवृति आ गई है एवं दहशत फैलाकर काम किया जा रहा है। जिससे यह संदेश जनता के बीच जा रहा है कि सरकारी अमला संविधान और न्याय प्रक्रिया को नहीं मानता, अदालतों के आदेशों के बावजूद कानून और संविधान की परंपरा को नहीं मानते, जो कि स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है।
पुलिस प्रशासन सुधारे अपनी आदतें
पटवारी ने कहा कि पुलिस प्रशासन और कर्मचारी अधिकारी अपनी आदत को सुधारे, अपराधियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया का पालन कर काम करे, प्रशासन को अपना काम न्याय पालिका और संविधान के अरूपम करना चाहिए। कर्मचारी सर्विस रूल के नियमों का पालन करें, शांति के नाम पर दहशत फैलाना अच्छे राज्य की प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून को दरकिनार कर प्रदेश में जितनी भी घटनाएं हो रही हैं कांग्रेस पार्टी उन घटनाओं के खिलाफ विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करते हुये संविधान के अनुरूप कार्यकर जनता के अधिकारों की रक्षा की मांग करने न्यायालय की शरण लेगी।
जनता की आवाज दमदारी से उठाएगा विपक्ष: सिंघार
वहीं सिंघार ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को दरकिनार कर निर्दोषों, कांग्रेसजनों के मकान तोड़ने सहित प्रदेश में लगातार हो रही विभिन्न घटनाओं को लेकर भाजपा सरकार में व्याप्त लचर कानून व्यवस्था के विरोध में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत और उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर कार्यवाही की मांग की जायेगी। प्रदेश में व्याप्त लचर कानून व्यवस्था के खिलाफ विपक्ष जनता की आवाज को पूरी दमदारी से उठायेगा।