भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से लगातार 6 बार विधायक रहे आरिफ अकील का सोमवार सुबह इंतकाल हो गया है। उन्होंने भोपाल के अपालो अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रविवार को ज्यादा तबियत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बतायाजा रहा है कि उन्हें हार्ट में समस्या के चलते हॉस्पिटल भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने आज अंतिम सांस ली। उनके करीबियों और पारिवारिक सूत्रों ने अकील के इंतकाल की आधिकारिक पुष्टि की है।
बता दे कि भोपाल की उत्तर विधानसभा से लगातार 40 साल तक सियासत करने वाले आरिफ अकील कांग्रेस शासनकाल में दो बार मंत्री भी रहे हैं। उन्हों ने अल्पसंख्यक कल्याण, जेल, खाद्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा संभाला। आरिफ अकील उत्तर विधानसभा क्षेत्र से 7 बार विधायक रहे हैं। वह पहली बार 1990 में इस सीट से विधायक चुने गए थे। तब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके बाद सन 1998 से लेकर 2018 तक इस सीट पर आरिफ अकील ही जीतते रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव उनके मैदान में न उतरने पर पार्टी ने उनके बेटे को टिकट दिया था। जो वर्तमान में विधायक हैं। पूर्व मंत्री आरिफ अकील का जनाजा लक्ष्मी टॉकीज सराय से दोपहर 3:30 बजे उठाया जाएगा । बाल विहार रोड पर नमाजे जनाजा अदा की जाएगी। इसके बाद बड़े बाग वाले कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।
शिवराज भी नहीं डिगा पाए थे आरिफ के किले को
उत्तर विधानसभा पर एकक्षत्र साम्राज्य स्थापित करने वाले अकील ने सियासत के शुरूआती दौर में जनता दल से भी चुनाव लड़ा। इसके बाद कांग्रेस के साथ सियासी सीढ़ियां चढ़ते हुए उन्होंने भाजपा के कई दिग्गजों को चुनावी मैदान में परास्त किया। भाजपा शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उत्तर विधानसभा को गोद ले लिए जाने का असर भी अकील के मजबूत किले को नहीं डिगा पाई।
छात्र राजनीति से विधानसभा तक
आरिफ अकील की सियासी पारी की शुरूआत छात्र राजनीति से हुई। सैफिया कॉलेज की सियासत में लंबे समय तक उनका दबदबा कायम रहा। कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव पद्धति जारी रहने तक उनका यह जलवा कायम ही रहा। इसके बाद अकील ने जब विधानसभा की दहलीज पर कदम रखा तो दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार जीत के रिकॉर्ड में एक नाम उनका भी शामिल है। आरिफ अकील के हिस्से शैक्षणिक डिग्रियों की भरमार रही है। उन्होंने कई स्नातकोत्तर डिग्री के साथ विधि की पढ़ाई भी की थी। पिछली कांग्रेस सरकार में शामिल रहे विधायक मंत्रियों में सर्वाधिक डिग्रियां रखने वाले अकील ही थे।