प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पीसीएस प्री और आरओ एआरओ की परीक्षा दो दिन में कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों का प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के सामने धरना प्रदर्शन आज गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी है। लेकिन पुलिस ने आज सुबह उन पर बड़ा एक्शन ले लिया है। आज सुबह 8:00 बजे अचानक पुलिस फोर्स पहुंची और कुछ छात्रों को जबरन उठा लिया, यहीं नहीं पुलिस ने उन्हें घसीटते हुए ले गई। तमाम पुलिस कर्मी बिना वर्दी के थे। के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई।
इस खींचतान में धरने पर बैठी कई छात्राएं चोटिल भी हो गईं। छात्राओं का कहना है कि उनके साथ कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। छात्राओं के साथ अभद्रता भी हुई है। अब छात्राओं ने ही मोर्चा संभाल लिया है और धरने का खुद नेतृत्व कर रही हैं। पीसीएस और आरओ एआरओ परीक्षा को एक दिन में कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन पर बैठी एक छात्रा ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ भी बदसलूकी की है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मी प्रदर्शन करने वाले कुछ छात्रों को जबरन घसीटते हुए ले गए हैं।
पुलिस के एक्शन के बाद मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। धरना स्थल के चारों तरफ बैरिकेडिंग और ज्यादा कर दी गई है। छात्र पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। बता दें कि यूपीपीएससी के पीसीएस प्री और आरओ एआरओ की परीक्षा दो दिन में कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों का धरना-प्रदर्शन मंगलवार से जारी है। पहले दिन छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया था। उन्होंने पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग को भी तोड़Þ दिया था। वहीं पुलिस ने दावा कि है कि मंगलवार को छात्रों द्वारा हुए उग्र प्रदर्शन के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। वे छात्र नहीं बल्कि असामाजिक तत्व हैं, जिनका आपराधिक इतिहास है। ऐसे असामाजिक तत्व विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे हैं और छात्रों को भड़का रहे हैं। उनकी पहचान की जा रही है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने 11 छात्र लिए हिरासत में
आज गुरुवार को हुए एक्शन से पहले बुधवार शाम को भी पुलिस ने 11 छात्रों को हिरासत में लिया था। वे सभी कोचिंग की लाइब्रेरी को जबरन बंद करा रहे थे। एक तरफ पुलिस का एक्शन हो रहा है तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में छात्र अभी भी धरना दे रहे हैं। पुलिस सभी 11 लोगों का शांति भंग की धाराओं में चालान कर रही है, चालान के बाद एसीपी कोर्ट से जमानत पर रिहा भी किया जा सकता है। उधर, अखिलेश यादव आज प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात कर सकते हैं। प्रयागराज के डीसीपी अभिषेक भारती का कहना है कि छात्र राज्य पीएससी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे संवैधानिक तरीके से अपना विरोध जारी रखें और उनकी मांगों को अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
आयोग के बाहर तोड़फोड़ में सपा नेता समेत तीन को जेल
इससे पहले, उप्र। लोकसेवा आयोग के बाहर चल रहे प्रदर्शन के दौरान सरकारी बैरियर, कोचिंग का बोर्ड तोड़ने व अशांति फैलाने के मामले में बुधवार को बड़ी कार्रवाई हुई। पुलिस ने सपा नेता समेत तीन लोगों को जेल भेज दिया। सपा नेता समेत दो पर एक दिन पहले दर्ज कराए गए मुकदमे जबकि एक अन्य आरोपी का शांतिभंग में चालान हुआ। अज्ञात आरोपियों की पहचान के प्रयास जारी हैं। जेल भेजे गए आरोपियों में सपा लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय महासचिव राघवेंद्र यादव, अभिषेक शुक्ला व शशांक दुबे शामिल हैं। राघवेंद्र व अभिषेक सिविल लाइंस थाने में दर्ज मुकदमे में नामजद आरोपी हैं। राघवेंद्र मूल रूप से जौनपुर व अभिषेक मिजार्पुर का रहने वाला है।
क्या है विवाद
दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिनों में, दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का अभ्यर्थी पहले से विरोध कर रहे हैं। प्रतियोगी छात्र यूपी पीसीएस 2024 और आरओ एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षाओं को पहले की तरह एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में कराए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि 2 दिन परीक्षा कराए जाने पर होने वाले नॉर्मलाइजेशन से उनका नुकसान होगा। 11 नवंबर को फिर से इस फैसले के खिलाफ द?िल्ली से लेकर यूपी तक अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए। वे ‘वन डे वन एग्जाम’ की मांग के साथ प्रोटेस्ट कर रहे हैं। छात्र यूपीपीएससी की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम खत्म करने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि लोक सेवा आयोग के नॉर्मलाइजेशन सिस्टम का तरीका निष्पक्ष नहीं है।