नई दिल्ली। इस साल का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण कल यानि 7 सितंबर को है। इसी दिन से श्राद्ध पक्ष की भी शुरुआत हो रही है। इस बार का चंद्र ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्रमा पूरी तरह धरती की छाया में डूब जाएगा, जिसे आम भाषा में ब्लड मून कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा उस समय हल्के लाल रंग का दिखता है। यह पूरा ग्रहण लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा और भारत के सभी हिस्सों में आसानी से दिखाई देगा।
बता दें कि जब धरती सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और अपनी छाया चांद पर डालती है, तब चंद्र ग्रहण होता है। यह खगोलीय घटना न सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए खास है, बल्कि धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल लगता है, जिसे अशुभ काल कहा जाता है। सूत के दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। पूजा-पाठ, भोजन बनाना, या खाना खाना मना होता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि नुकीली चीजों से दूर रहना और बाहर न निकलना। इस समय केवल भगवान का नाम जपना, मंत्र जाप करना और ध्यान लगाना ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दौरान मंत्रों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।
यह चन्द्र ग्रहण रहेगा बेहद खास
ज्योतिष के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण भी बेहद खास है क्योंकि यह शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लग रहा है। साथ ही राहु चंद्रमा के साथ युति बना रहा है, जिससे ग्रहण योग बनता है। यह योग कुछ राशियों के लिए थोड़ी मुश्किलें लेकर आ सकता है। वृषभ, तुला और कुंभ राशि वाले लोगों को खास सतर्क रहने की जरूरत है। वृषभ राशि वालों को स्वास्थ्य और व्यापार में परेशानी हो सकती है, तुला राशि के लोगों को मानसिक तनाव और धन के मामलों में नुकसान झेलना पड़ सकता है, जबकि कुंभ राशि में तो ग्रहण लग ही रहा है, इसलिए उनके लिए यह समय काफी संवेदनशील माना जा रहा है।
कुंभ राशि के जातक करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप
इन समस्याओं के समाधान के तौर पर वृषभ राशि के लोग सफेद वस्त्र पहनें और दूध का दान करें। तुला राशि के लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करें और वस्त्र दान करें, और कुंभ राशि के जातक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद हर व्यक्ति को स्नान करके साफ वस्त्र पहनने चाहिए, भगवान को भोग लगाना चाहिए, और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। इससे मन को शांति और जीवन में शुभ ऊर्जा मिलती है।
चंद्र ग्रहण का भारत पर प्रभाव
ज्योतिषविद के मुताबिक, 7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत की राजनीति और प्रशासन पर भारी पड़ सकता है। इसके अलावा, पूर्णिमा पर लगने वाला ग्रहण ज्योतिष में खास माना जाता है, क्योंकि इस समय प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर बाढ़, भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में तबाही देखने की संभावना रहती है. इसका असर लोगों और जानवरों दोनों की जिंदगी पर पड़ेगा।
सूतक के दौरान क्या न करें
शास्त्रों में बताया गया है कि चंद्र ग्रहण का 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक के दौरान अन्न और भोजन का त्याग कर देना चाहिए। किसी प्रकार के नकारात्मक कार्य को करना निषेध माना जाता है। इस दौरान आध्यात्मिक चिंतन, ध्यान, रामचरितमानस का पाठ करें और शिव मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा, बचे हुए खाने में ग्रहण के दौरान तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए।