यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु के 3.3 फीट ऊपर पहुंच गया है। ऐसे में हथिनीकुंड बैराज से 2.50 लाख और गोकुल बैराज से 1.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस वजह से रात तक खतरनाक स्थिति हो सकती है।
भारी बारिश के बीच हथिनीकुंड बैराज से शुक्रवार को ढाई लाख क्यूसेक पानी और छोड़ दिया गया। यही नहीं, गोकुल बैराज से शुक्रवार शाम सात बजे 1.22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना में बाढ़ के हालात बन गए हैं। चेतावनी बिंदु के 3.3 फीट ऊपर (498.3 फीट) बह रही यमुना शनिवार को बाढ़ के स्तर 499 फीट के आंकड़े को पार कर सकती है।
बाढ़ के हालात के बीच जिला प्रशासन ने सदर तहसील क्षेत्र में पड़ने वाले ठार आश्रम के मेहरा नाहरगंज के 40 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। जलस्तर और बढ़ने पर पांच हजार परिवार चपेट में आ सकते हैं।
सिंचाई विभाग के अनुसार यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई क्षेत्रों में झोपड़ी-खेल खलिहान डूब चुके हैं। शहर का नगला बूढ़ी, अमर विहार दयालबाग, मोतीमहल, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती का क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ सकता है। वहीं, ग्राम तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहगंज, विसारना, कैलाश, स्वामी बाग, फतेहाबाद तहसील में ग्राम-भरापुर, बमरौली, इंदौन, मडायना, मेलीकलॉ, गुडा, मेवली खुर्द, हिमायूपुर, बुर्ज, नगला छीतर सिंह, मेहरा नाहरगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगल पैमा, तहसील फतेहाबाद में शाहिदपुर, वीरपुरा, बेहड़, पारौली सिकरवार, बिचौला, गिदौन, तहसील एत्मादपुर में नगला धीमर, बढ़नुपरा, रहनकलां, नगला कटा प्रभावित हो सकते हैं।
शहर के विभिन्न इलाकों में नाले बैक मार रहे हैं। टैपिंग की वजह से भी नालों का पानी पीछे आ रहा है। ऐसे में बारिश के बाद अब उफनाई यमुना की दोहरी मार से शहर के लोगों की परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है।
चालीस से अधिक नाले मार रहे बैक
आगरा में यमुना का बढ़ता जलस्तर पोइया और मनोहरपुर में नदी का पानी किनारों को तोड़कर सड़कों तक आ गया है। शहर में 40 से अधिक नाले बैक मार रहे हैं, जिससे जल निकासी की समस्या गंभीर हो गई है। दयालबाग के डूब क्षेत्र और बल्केश्वर व टेढ़ी बगिया जैसे निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है। यही वजह है कि अब निगम ने बाढ़ को लेकर अपनी कमर कस ली है।
ऐतिहासिक स्थलों पर भी दिखा असर
यमुना के रौद्र रूप का असर आगरा के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर भी दिख रहा है। कैलाश घाट पर कैलाश मंदिर की सीढ़ियां डूब चुकी हैं। वहीं, बल्केश्वर घाट पर स्थित काली मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। ताजमहल के पीछे स्थित चंद्रशेखर पार्क और दशहरा घाट के डूबने के बाद पर्यटकों और स्थानीय लोगों में चिंता है। ताजमहल के अधिकारी भी इसपर नजर बनाए हुए हैं