नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार देर रात लोकसभा में बहुमत से पारित हो गया है। सदन में 12 घंटे से अधिक समय तक चली बहस के बाद बिल पर देर वोटिंग हुई। पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े। विपक्षी सांसद एनके प्रेमचंद्रन के संशोधन प्रस्ताव पर रात सवा बजे मतदान हुआ, जो 232 के मुकाबले 288 से खारिज हो गया। अब सरकार आज बिल को राज्यसभा में पेश करेंगी। उच्च सदन में भी बिल का पास कराने में सरकार को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां पर भी सरकार एनडीए में शामिल जेडीयू, टीडीपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी सरकार का समर्थन करेंगी।
संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू आज दोपहर एक बजे राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल को पेश करेंगे. राज्यसभा में इस समय 236 सांसद हैं, जिस वजह से यहां बहुमत के लिए 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ती है। राज्यसभा में भाजपा के जहां अकेले 98 सांसद हैं। वहीं एनडीए के सदस्यों की संख्या 115 के करीब है। छह मनोनीत सदस्यों को भी जोड़ लें तो में एनडीए के सदस्यों की संख्या 121 तक पहुंच जाएगी। जो विधेयक पारित कराने के लिए जरूरी 119 से दो अधिक है. कांग्रेस के 27 और इंडिया ब्लॉक के अन्य घटक दलों के 58 सदस्य राज्यसभा में हैं।
मुस्लिम समुदाय की नहीं छीनी जाएगी कोई जमीन: रिजिजू
बता दें कि इससे पहले वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पारित हो गया है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और विपक्ष के सांसदों ने अपने-अपने पक्ष रखे. रिजिजू ने बुधवार दोपहर विधेयक पेश करते हुए चर्चा की शुरूआत की। उन्होंने कहा, विधेयक का मकसद किसी धर्म में हस्तक्षेप नहीं, बल्कि वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन है। पुराने कानून की सबसे विवादित धारा 40 का जिक्र करते हुए रिजिजू ने कहा, इस कठोर प्रावधान के तहत वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता था। न्यायाधिकरण ही इसे रद्द या संशोधित कर सकता था, हाईकोर्ट में अपील नहीं की जा सकती थी। इसे हटा दिया गया है। मुस्लिम समुदाय की कोई जमीन नहीं छीनी जाएगी। विपक्षी गुमराह कर रहे हैं।
विपक्ष पर बरसे शाह
इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए विपक्ष पर तुष्टीकरण की राजनीति के तहत वक्फ बोर्ड को सरकारी संपत्ति की लूट का लाइसेंस देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, आजाद भारत में मुगलकालीन व्यवस्था और कानून को जगह नहीं देंगे। दशकों से जातिवाद, तुष्टीकरण व परिवारवाद पर पीएम नरेंद्र मोदी की विकास की राजनीति के कारण जनता हमें तीन बार और जनादेश देगी।
शाह ने यूपीए सरकार में हुए संशोधन की भी दिलाई याद
शाह ने साल 2013 में यूपीए-2 सरकार में किए संशोधन की याद दिलाते हुए कहा, इस कारण व्यापक अराजकता फैली। संशोधन को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अन्यायी करार देते हुए कड़े कानून की मांग की थी। सरकार लालू यादव की इच्छा पूरी कर रही है। चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल को असांविधानिक बताने के विपक्ष के दावे पर कहा, जब 1954 से वक्फ कानून बना है, तो उसमें सुधार असांविधानिक कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा, दुिनया में देश का अल्पसंख्यक समुदाय सर्वाधिक सुरक्षित है।