वॉशिंगटन। अमेरिका में बडे हादसे की खबर आई है। कैलिफोर्निया नेवल एयर स्टेशन लेमूर में अमेरिकी नौसेना का एफ-35 फाइटर जेट क्रैश हो गया है। नौसेना की माने तो पायलट ने समय रहते अपनी जान बचा ली, फिलहाल वो सुरक्षित है और खतरे से भी बाहर है। जानकारी के अनुसार एफ-35 फाइटर जेट गुरुवार सुबह हुआ है। अमेरिकी नौसेना की हादसे की पुष्टि कर दी है।
नौसेना ने जारी बयान में कहा कि दुर्घटना के समय पायलट ने समय पर पैराशूट के जरिए बाहर निकलकर अपनी जान बचा ली. वह सुरक्षित है। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। अभी हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। अमेरिकी नौसेना का यह यह विमान स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन वीएफ-125 एजेक्यू रेडर्स से जुड़ा था। इन इकाई वाले विमानों का प्रयोग अधिकतर पायलटों और एयरक्रू को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता। फाइटर विमान के क्रैश होने का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें धुंए के गुबार दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस हादसे से नौसेना बेस ऑपरेशन पर क्या असर पड़ा।
100 मिलियन डॉलर का था यह लड़ाकू विमान
जो एफ-35 विमान क्रैश हुआ, वह लगभग 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 830 करोड़ रुपये की लागत वाला था। यह अमेरिकी नौसेना के लिए डिजाइन किया गया एक विशेष वैरिएंट है जिसे एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ाया जा सकता है। इस विमान को लॉकहेड मार्टिन कंपनी बनाती है और इसे अत्याधुनिक स्टील्थ, रडार अवॉइडेंस और लड़ाकू क्षमताओं के लिए जाना जाता है।
प्रशिक्षण स्क्वाड्रन से जुड़ा था विमान
नौसेना के अनुसार यह विमान वीएफ-125 श्रफ रेडर्सश् नामक स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन से जुड़ा था। यह स्क्वाड्रन एक श्फ्लीट रिप्लेसमेंट यूनिटश् है, जो नए पायलटों और एयरक्रू को प्रशिक्षित करने का काम करती है। यानी यह विमान किसी मिशन पर नहीं बल्कि प्रशिक्षण उद्देश्यों के तहत उड़ान पर था।
इन देशों के पास है ये लड़ाकू विमान
एफ-35 अमेरिका और उसके 19 सहयोगी देशों की पहली पसंद है, जो वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करता है और दुनियाभर में खतरों को रोकने की क्षमता देता है। यह लड़ाकू विमान स्थिरता, इंटरऑपरेबिलिटी और बेहतरीन मूल्य प्रदान करता है। ये अमेरिकी सेना के लिए सबसे अहम श्फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेटश् माना जाता है। इसे अमेरिकी वायुसेना, नौसेना और मरीन कॉर्प्स तीनों अलग-अलग वैरिएंट्स में इस्तेमाल करते हैं। यह साझेदार देशों के बीच तालमेल बढ़ाकर साझा प्रतिरोध को सशक्त करता है। एफ-35 के बढ़ते नेटवर्क के माध्यम से साझेदार देश एकजुट होकर दुनिया में शांति की रक्षा करते हैं। इसकी तकनीक और रणनीतिक क्षमताएं वैश्विक शक्ति संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।