बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में गुरुवार एक दर्दनाक हादसा हो गया है। यहां के पाथाखेड़ा में कोयला खदान का स्लैब गिरने से तीन मजदूरों की दबकर मौत हो गई है। हादसे की सूचना पर मौके पर रेस्क्यू टीम ने तीन मजदूरों के शव को मलबे से बाहर निकाल लिया है। डब्ल्यूसीएल, एसडीआरएफ और पुलिस दल की टीम ने रेस्क्यू किया। तीनों मजदूरों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हादसा वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड में दोपहर 3 बजे हुआ।
यहां छतरपुर-1 खदान के मुहाने से करीब 3.5 किलोमीटर अंदर कंट्यूनर माइनर सेक्शन में कर्मचारी काम कर रहे थे। इसी दौरान छत ढह गई। बताया जा रहा है कि कोयला खदान की 10 मीटर की छत गिर गई थी। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू टीम ने तीन शव खदान से बाहर निकाले हैं। बैतूल एसपी ने घटना की पुष्टि की है और एसपी खुद भी छतरपुर-1 खदान पहुंच गए हैं।
घटना स्थल पर पहुंचे विधायक और जिम्मेदार
घटना की जानकारी मिलते ही विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) निश्चल झारिया मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। कलेक्टर सूर्यवंशी के निर्देश पर तुरंत रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया गया, जिसमें खदान में कार्यरत अन्य मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। कलेक्टर ने जीएम, डब्ल्यूसीएल को लाइफ कवर स्कीम से डेढ़ लाख की सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही एक्सग्रेसिया, ग्रेच्युटी , कंपनसेशन और पीएफ, लाइफ इनकेशमेंट की राशि भी जल्द देने के निर्देश दिए हैं।
हादसे में इनकी हुई मौत
गोविंद कोसरिया (उम्र 37 वर्ष), पद- असिस्टेंट मैनेजर
रामप्रसाद चौहान (उम्र 46 वर्ष), पद- माइनिंग सरदार
रामदेव पंडोले (उम्र 49 वर्ष), पद- ओवरमैन
कोयला काटते समय खदान की छत गिर
छतरपुर वन खदान में कंट्यूनर माइनर मशीन चल रही थी। कोयला काटते समय अचानक खदान की छत गिर गई। बताया जा रहा है कि अधिकारी और वर्कर खदान में निरीक्षण के लिए उतरे थे। उस समय वहां 25 से 26 लोग मौजूद थे। लेकिन वे अलग-अलग सेक्शन में थे। जिस सेक्शन में हादसा हुआ वह जॉय माइनिंग सर्विस का है। इसमें आॅस्ट्रेलियाई मशीन लगी है। कंपनी कोलकाता की है।