भोपाल। सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के आज उत्सव मनाने का दिन है। ऐसा इसलिए की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री भारत-रत्न से सम्मानित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर मप्र के खजुराहों में महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे। इसके साथ ही आज का दिन बुंदेलखंड के लिए इतिहास में दर्ज हो जाएगा। तय कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी दोपहर 12.10 पर खजुराहों पहुंचेंगे और कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद दोपहर 2:20 पर वे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। इस कार्यक्रम में मप्र के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि केन-बेतवा प्रोजेक्ट में करीब 44 हजार करोड़ का है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से मप्र की जहां 8 लाख हेक्टेयर जमीन को पानी मिलने लगेगा वहीं, यूपी की भी लाखों हेक्टेयर भूमि भी सिंचित हो जाएगी। इसके अलावा एमपी की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को इससे पीने का पानी मिलेगा। साथ ही 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। नदी जोड़ो अभियान का सपना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी ने देखा था , जो अब मप्र में साकार होने जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदश के के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में पानी के लिए लोगों को तरस्ते देखा होगा। हालात ऐसे कि पानी की एक-एक बूंद के लिए कई किलोमीटर तक किसानों को पैदल चलना पड़ता है। इतना ही नहीं कई जगहों पर जान जोखिम में डालकर सैकड़ों फीट गहरे कुंए में उतरना पड़ता है, तब कहीं जाकर प्यास बुझाने के लिए थोड़ा-बहुत पानी मिल पाता है। लेकिन, अब बुंदेलखंड में पानी के इस भीषण संकट का समाधान होने जा रहा हैं। मध्य प्रदेश से निकलने वाली केन और बेतवा नदी के आपस में जुड़ने के बाद पानी के संकट से लोगों को छुटकारा मिलेगा, किसानों के खेतों में हरियाली लहराएगी।
सिंचाई के साथ पेयजल की सुविधा
केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। साथ ही जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावाट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
उत्तर प्रदेश को मिलेगा यह लाभ
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जाएगा। जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।