मध्यप्रदेश के सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के कामकाज करने के तरीके में बड़ा बदलाव होना जा रहा है। शासन हफ्ते में एक दिन के अवकाश पर विचार कर रहा है। साथ ही सालाना मिलने वाले अवकाशों को कम करने के लिए दस से ज्यादा राज्यों में मंथन चल रहा है।
इसके संबंध में जल्द एक बड़ी बैठक होगी। बैठक में सहमित बनने के बाद प्रस्ताव मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास भेजा जाएगा। प्रस्ताव को सीएम की हरी झंडी मिलती है तो सरकारी दफ्तर अब केवल दूसरे और तीसरे शनिवार को बंद रहेंगे। जबकि बाकी सभी शनिवार को सामान्य कार्य दिवस रहेंगे। साथ ही सरकारी छुट्टियों में भी कटौती देखने को मिल सकती।
शासन के द्वारा दो मॉडल पर विचार किया जा रहा है। जिसमें पहला प्रस्ताव है। उसमें 6 दिन का कार्य दिवस। इसमें सिर्फ दूसरे और तीसरे शनिवार को अवकाश रहेगा।
दूसरा प्रस्ताव भारत सरकार की तर्ज पर तैयार किया गया है। जिसमें हफ्ते में पांच दिन कार्यालय खुलेंगे, लेकिन समय में एक घंटे की बढ़ोत्तरी रहेगी। यानी ऑफिस का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी दफ्तारों में सार्वजनिक, सामान्य और ऐच्छिक अवकाशों के निर्धारण के संबंध में 22 सितंबर को एक समिति बनाई गी थी। जिसमें 10 से अधिक राज्यों में मिलने वाले अवकाशों का अध्ययन किया गया। जिसमें समिति के द्वारा जल्द एक बड़ी बैठक होगी। जिसे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की स्वीकृति के साल 2026 से लागू किया जा सकता है।
सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस संजय शुक्ला ने मीडिया को बताया कि समिति की बैठक में कई राज्यों ने अवकाशों का अध्ययन किया है। इस संबंध में फैसला फाइनल मीटिंग में किया जाएगा। जो भी फैसला होगा, वह शासन को अवगत कराया जाएगा।



