भोपाल। मोहन सरकार ने जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत- तालाब बनाने का लक्ष्य बढ़ा दिया है। शुरूआत में 50 हजार खेत तालाब बनाने का लक्ष्य तय किया था, जिसे 81 हजार कर दिया है। प्रदेश में किया जाने वाला यह बड़ा काम है, जिससे दो तरह के फायदे लिए जाने हैं। एक तो छोटे-छोटे तालाब बनाकर जमीन के अंदर भू-जल रिचार्ज होगा, दूसरी ओर किसानों के लिए पानी की छोटी—छोटी जरुरतों को दूर किया जाएगा। सरकार को 81 हजार खेत तालाब बनाने में 2200 करोड़ का खर्च आना आएगा। अब तक 23 हजार 495 खेत तालाबों का काम शुरू हो चुका है। अभी 57 हजार खेत तालाबों का काम न केवल शुरू कराना है, बल्कि 30 जून तक सभी 81 हजार का काम भी पूरा करवाना होगा। अभियान के तहत सरकार ने काम की कई श्रेणी बनाई है। खासकर तालाब, कुआं, बावड़ियां, नदियों समेत सभी सार्वजनिक महत्व के जल स्त्रोतों का गहरीकरण, संरक्षण, अतिक्रमण हटाना, खेत तालाब जैसे नए जल स्त्रोत और भू-जल बढ़ाने वाले नए निर्माण करना शामिल है।
अलीराजपुर, सिवनी व पन्ना आगे
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराए जाने वाले कामों में डिंडौरी, मुरैना व भिंड के कलेक्टर पिछड़ गए हैं। इन जिलों की उपलब्धी औसत दर्जे की नहीं मिली है जबकि अलीराजपुर, सिवनी, विदिशा, छिंदवाड़ा, बैतूल, अनूपपुर, रायसेन व पन्ना कलेक्टरों ने औसत से अच्छा काम करने में बढ़त बना रखी है। लक्ष्य के विपरित अलीराजपुर जिले में 88 फीसद, सिवनी में 69 फीसद व पन्ना में 67 फीसद काम हो चुका है। इसी तरह 7 लाख कूप रिचार्ज बनाने है, जिसमें से 24 हजार 685 काम शुरू हो चुके हैं। बैतूल ने लक्ष्य के विरुद्ध 73 फीसद, खंडवा ने 70 व छिंदवाड़ा ने 60 फीसद काम किया है। बाकी के जिलों की स्थिति ठीक नहीं है। प्रदेश में 1000 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं, इनमें से 822 कामों के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। धार ने इस काम में लक्ष्य के विरुद्ध 39, सीधी ने 36 व छिंदवाड़ा ने 32 फीसद काम किया है।
जिलों की होंगी रैकिंग, कलेक्टरों को मिलेगा पुरस्कार
जल गंगा संवर्धन अभियान की सफलता जिलो की रैकिंग से तय होगी। अच्छा काम करने वाले तीन कलेक्टरों को पुरस्कार दिए जाएंगे, जो कि नगद राशि के रूप में होगी। इसके अलावा अमले को भी पुरस्कार बांटे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक इस काम की सफलता एक तरह से कलेक्टरों की परफार्मेंस तय करेगा।