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 वन्य जीव संरक्षण में प्रदेश को अग्रणी विशेष ईको सिस्टम

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदसौर स्थित गांधीसागर अभयारण्य में मध्यप्रदेश की धरती पर जन्में चीतों की शिफ्टिंग को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह अभयारण्य प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है।

मध्यप्रदेश में चीतों के आवास एवं विचरण के लिए सर्वाधिक अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। कूनो नेशनल पार्क से राज्य में दूसरे स्थान पर चीतों को ले जाकर पुनर्वास करना वन्य-प्राणी संरक्षण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

गांधी सागर अभयारण्य में छोड़े गए चीते पावक और प्रभाष को यहाँ की आबो-हवा और नया परिवेश पसंद आया है और दोनों आनंद के साथ जंगल में स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया पर जारी संदेश में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को वन्य जीवों के संरक्षण में अग्रणी बनाने के लिए विशेष ईको सिस्टम विकसित करने के लिए संकल्पित है। मध्यप्रदेश बाघों की संख्या में शीर्ष पर है और इसे टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। इसी के साथ राज्य में लेपर्ड (तेंदुए) भी सर्वाधिक हैं।

राज्य सरकार सभी विलुप्तप्राय जीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में चीतों के पुनर्वास को एशिया महाद्वीप की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। उन्होंने प्रदेश के नागरिकों से वन्य-प्राणियों के संरक्षण में साझेदार बनने के साथ ‘जियो और जीने दो’ की भावना से कार्य करने का आह्वान किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गत 20 अप्रैल 2025 को मध्यप्रदेश में कूनो नेशनल पार्क में जन्में दो चीते पावक और प्रभास को उनके नए घर गांधीसागर अभयारण्य में मुक्त विचरण के लिए छोड़ा है। मई महीने में मध्यप्रदेश को बोत्सवाना से चार चीते मिल सकते हैं।

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