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सुप्रीम कोर्ट का पुराना प्रतीक चिन्ह फिर बहाल, जस्टिस गवई ने पुराना हटाया

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सुप्रीम कोर्ट का प्रतीक चिन्ह एक बार फिर बदल गया है। नया प्रतीक चिन्ह हट गया है और फिर से पुराना प्रतीक चिन्ह बहाल हो गया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने प्रतीक चिन्ह को बहाल कर दिया है।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में लगाए गए शीशे के दरवाजे भी हटाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट पुराने स्वरूप में वापस लौटेगा। नये सीजेआई गवई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में किये गए ये बदलाव महत्वपूर्ण हैं।

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की एसोसिएशन ने पिछले सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा सुप्रीम कोर्ट के प्रतीक चिन्ह को बदले जाने और सुप्रीम कोर्ट गलियारे में गर्म और सर्द हवाओं को रोकने के लिए शीशे के दरवाजे लगाकर गलियारे को वातानुकुलित किये जाने पर आपत्ति जताई थी।

वकीलों की एसोसिएशन का कहना था कि शीशे के दरवाजे लगाने से सुप्रीम कोर्ट का मूल स्वरूप बदल जाता है जो कि ठीक नहीं है। माना जा रहा है कि सीजेआई गवई ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और वकीलों की आपत्तियों को ध्यान में लेते हुए इन बदलावों का निर्णय लिया है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने किए थे बदलाव

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट से सुप्रीम कोर्ट का अब नया प्रतीक चिन्ह हट चुका है और पुराना प्रतीक चिन्ह वापस लौट आया है। पिछले वर्ष सितंबर में सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट ने नया प्रतीक चिन्ह जारी किया था। उस समय जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) थे।

उस नये प्रतीक चिन्ह में अशोक चक्र, सुप्रीम कोर्ट की इमारत और भारत का संविधान चित्रित था। उस पर यतो धर्मस्ततो जय: यानी जहां धर्म है वहीं विजय है यह भी लिखा था। हालांकि अब पुराना प्रतीक चिन्ह बहाल हो चुका है यतो धर्मस्ततो जय: सुप्रीम कोर्ट का ध्येय वाक्य भी है और वह पुराने प्रतीक चिन्ह में भी है।

शीशे के दरवाजे भी हटेंगे

नये सीजेआई बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट के गलियारे में गर्म और सर्द हवाओं को रोकने और गलियारे को वातानुकूलित बनाने के लिए लगाए गए शीशे के दरवाजे भी हटाने का निर्णय लिया है और सुप्रीम कोर्ट को पूर्व के पारंपारिक रूप में वापस लाने का फैसला लिया है।

गत 23 मई को सीजेआई ने कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई के दौरान कहा था कि ये शीशे के दरवाजे और दीवार हटाई जाएगी और कोर्ट पुराने मूल स्वरूप में लौटेगा। हालांकि शीशे के दरवाजे हटने से गलियारा पुन: गैरवातानुकूलित हो जाएगा।

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