ग्वालियर। राज्यपाल मंगूभाई पटेल रविवार को राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। गवर्नर को कार्यक्रम के शुरुआत में शोभा यात्रा निकालकर मंच तक लाया गया। वहीं कुलगुरू प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में स्वर्ण पदक से 122 एवं शोध उपाधियों से 33 विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ तबला वादक एवं शिक्षाविद् प्रो. किरण देशपाण्डे, यूनिवर्सिटी के कुल सचिव प्रो. राकेश कुशवाह सहित साधारण परिषद, कार्य परिषद एवं विद्यार्थी परिषद के सदस्य उपस्थित थे।
राज्यपाल पटेल ने कहा है कि संगीत हमेशा ही मन को भाता है। मनुष्य की हर उम्र में संगीत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय भारतीय संगीत को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। महाविद्यालय के अनेकों छात्रों ने संगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि देश के विकास में युवाओं को अपनी पूरी क्षमता के साथ योगदान देना चाहिए। संगीत यूनिवर्सिटी में अध्ययन करने के बाद जिन छात्रों को पुरस्कृत किया गया है वे अपने जीवन में संगीत के माध्यम से देश विकास में अपना सहयोग करें।
तबला वादक देशपांडे के जीवन से युवाओं को लेना चाहिए प्रेरणा
राज्यपाल पटेल ने कहा कि वरिष्ठ तबला वादक प्रो. किरण देशपाण्डे के जीवन से युवाओं को प्रेरणा लेना चाहिए। वे जिस प्रकार से 87 वर्ष की उम्र में भी तबला वादन कर रहे हैं, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार क्रिकेट में खिलाड़ी शतक लगाते हैं, उसी प्रकार प्रो. देशपाण्डे भी अपनी उम्र का शतक लगाएं, यह हम सबकी कामना है।
इनके वादन की हुई प्रस्तुतियां
दीक्षांत समारोह में वरिष्ठ तबला वादक एवं शिक्षाविद् प्रो. पं. किरण देशपाण्डे ने कहा कि उनका तबला वादन विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट उपाधि से सम्मानित किए जाने के प्रति धन्यवाद ज्ञापन हैं। समारोह में कबीर लोक भजन गायक पद्मश्री कालूराम बामनिया ने जीवन में गुरू की महत्ता पर भजन की प्रस्तुतियां दी।