भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कुछ दिन पहले ही तीन साल 30 लाख किसानों को सोलर पंप देने का ऐलान किया है। वहीं पीसीसी के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने सरकार गंभीर आरोप लगा दिया है। उन्होंने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पीसी कर कहा है कि तरफ जहां मप्र सरकार किसानों को तीन वर्षों में 30 लाख सोलर पंप देने का दिवा स्वप्न दिखा रही हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश के पंजीकृत 46 हजार किसान 2017 से अपने खेतों में सोलर पंप लगाने का इंतजार कर रहे है। इस दौरान उन्होंने कुसुम किसान सोलर पंप योजना में उर्जा विकास निगम ने करोड़ो की धांधली का आरोप लगाया।
नायक ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि वर्ष 2017 से 2019 के मध्य खेतों में सोलर पंप लगवाने के लिए 46,000 लोगों ने सोलर पंप योजना के लिए पोर्टल पर आवेदन किया। इनमें से 14,000 किसानो ने पंजीकरण के लिए 5,000 रुपए का भुगतान किया, कुछ ने रजिस्ट्रेशन के साथ 3 एचपी के सोलर पंप के लिए 32,000 रुपए व 5 एचपी के लिए 72,000 रुपए की राशि जमा कराई थी। कुल 46,000 किसानों के आवेदनों में से 2,200 को ही उनके खेतों में पंप स्थापित कर के दिए गए हैं, जबकि शेष आवेदक पिछले 6 वर्षों से स्थापना का इंतजार कर रहे हैं।
ठगा महसूस कर रहे किसान
नायक ने कहा कि सरकार के प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर योजना के लाभ के लिए किसानों ने बढ़-चढ़कर रजिस्ट्रेशन करवाया था। सालों बाद तक पंप नहीं मिलने पर ठगा सा महसूस करने लगे तभी से सिलसिला शुरू हुआ किसानों द्वारा ऊर्जा विकास निगम के चक्कर काटवाने का। अब नये सिरे से ऊर्जा विभाग द्वारा 5 अगस्त 2024 को पुन: टेंडर किये गए। लगभग 1500 करोड़ के टेंडर में कई नई शर्तें का समावेश किया गया। टेंडर में 57 ठेकेदारों ने पार्टिसिपेट किया। टेंडर की टर्म्स कंडीशन के आधार पर 57 में से कमेटी द्वारा 32 से अधिक ठेकेदारों को अपात्र घोषित कर दिया गया।
टेन्डर की टर्म्स कंडीशन में बदलाव से अपात्र ठेकेदार हो गए पात्र
ऊर्जा विकास निगम के उच्च अधिकारियों ने निकाले गए टेंडर की कंडीशन के अनुसार अपात्र ठेकेदारों को शामिल करवाने के लिए 15 जनवरी 2025 को बोर्ड की बैठक में टेन्डर की टर्म्स कंडीशन में बदलाव कर दिए जिससे अपात्र ठेकेदार पात्र हो जाए। उन्होने बताया कि एक माह बाद 16 फरवरी 2025 को फिर बोर्ड की बैठक ने 32 अपात्र ठेकेदारों मे से 25 ठेकेदारों के टेंडर को स्वीकृति प्रदान कर दी। नायक ने कहा कि अब तक 30 प्रतिशत केंद्र व 30 प्रतिशत राज्य सरकार अनुदान राशि देती थी लेकिन इस बार 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाना प्रस्तावित किया गया है। इतने बड़े अनुदान की स्वीकृति कैबिनेट के माध्यम से करवा ली गई है। जबकि सोलर पंप लगाने के लिए प्रदेश के 46 हजार किसान आज भी इंतजार कर रहे हैं।