नई दिल्ली। भारत के नए मुख्य चुनाव आयक्त ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को पदभार ग्रहण कर लिया है। ज्ञानेश कुमार, भारत के 26वें सीईसी के रूप में कार्यभार संभाला। उनका कार्यककाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा । वे 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। ज्ञानेश कुमार अपने अपने कार्यकाल के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 में केरल और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव कराएंगे। इसी तरह, वह तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों की देखरेख करेंगे, जो 2026 में होने वाले हैं। उनके अलावा इसके अलावा विवेक जोशी ने भी निर्वाचन आयुक्त के तौर पर अपना पदभार ग्रहण किया। विवेक जोशी हरियाणा कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। विवेक जोशी (58) का जन्म 21 मई 1966 को हुआ था और वह 2031 तक निर्वाचन आयोग में कामकाज संभालेंगे।
बता दें कि ज्ञानेश कुमार मार्च 2024 से निर्वाचन आयुक्त के पद पर कार्यरत थे और सोमवार को उन्हें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में पदोन्नत किया गया। राजीव कुमार के मंगलवार को सेवानिवृत्त होने के एक दिन बाद ज्ञानेश कुमार को निर्वाचन आयोग के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुखबीर सिंह संधू निर्वाचन आयुक्त हैं, जबकि विवेक जोशी को सोमवार को निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया। कार्यभार संभालने के बाद नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “राष्ट्र निर्माण की पहली सीढ़ी मतदान है। इसलिए भारत का हर नागरिक जो 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुका है, उसे मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। भारत के संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निदेर्शों के मुताबिक भारत का चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ था है और हमेशा रहेगा।”
ज्ञानेश कुमार ने हार्वर्ड से की एचआईआईडी में पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई
ज्ञानेश कुमार ने कानपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा करने के बाद आईसीएफएआई में बिजनेस फाइनेंस और अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एचआईआईडी में पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। उन्होंने केरल सरकार में एणार्कुलम के सहायक जिलाधिकारी, अडूर के उपजिलाधिकारी, एससी/एसटी के लिए केरल राज्य विकास निगम के प्रबंध निदेशक, कोचीन निगम के नगर आयुक्त के अलावा अन्य पदों पर भी काम किया है। केरल सरकार के सचिव के रूप में ज्ञानेश कुमार ने वित्त संसाधन, फास्ट-ट्रैक परियोजनाओं और लोक निर्माण विभाग जैसे विविध विभागों को संभाला। भारत सरकार में उन्हें रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं अतिरिक्त सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में काम करने का भी अनुभव है।
राम मंदिर निर्माण कमेटी का हिस्सा रहे
ज्ञानेश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद निर्णयों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह अयोध्या राम मंदिर निर्माण कमेटी के सदस्य भी रहे, जिसके चेयरमैन पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्रा हैं। उन्हें केंद्र सरकार ने श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में अपने प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था। वह राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित भगवान श्रीराम की बाल स्वरूप वाली मूर्ति के चयन के निर्णायक मंडल में भी रहे।