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धर्म की स्थापना के लिए संन्यासियों ने दी प्राणों की आहूति, शंकर प्रकटोत्सव में बोले सीएम-चरणबद्ध तरीके से विकसित होगा एकात्म धाम

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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार को एकात्म धाम ओंकारेश्वर के दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य के प्रकटोत्सव पर पंच दिवसीय एकात्म पर्व के समापन समारोह में शामिल हुए। सीएम डॉ. यादव ने भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर जलाभिषेक किया और बाबा ओंकारेश्वर से प्रदेश की समृद्धि, विकास और कल्याण की प्रार्थना की। उन्होंने मां नर्मदा को नमन किया। सीएम ने ‘एकात्म धाम : एकात्मता की यात्रा’ पुस्तक का किया विमोचन भी किया। कार्यक्रम में जूनापीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज भी मौजूद थे।

सीएम डॉ. यादव ने शंकर प्रकटोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ओंकार पर्वत पर स्थापित आदिगुरु की 108 फीट ऊंची प्रतिमा व आदि गुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली को राज्य सरकार एकात्म धाम के रूप में विकसित कर रही है, जो चरणबद्ध रूप से पूर्ण हो रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में अनेक महान कार्य किए। गुरु शंकराचार्य की चेतना शास्त्र परंपरा से हमारा परिचय कराती है। भारत को शक्ति संपन्न बनने के लिए ज्ञान, आध्यात्म, शास्त्र एवं शस्त्र सभी विधाओं की आवश्यकता है।

धर्म की स्थापना के संन्यासियों ने दी प्राणों की आहूति
सीएम ने कहा कि हमारे संतों एवं संन्यासियों ने धर्म की स्थापना के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। शस्त्र के साथ शास्त्र की परंपरा का अद्भुत समन्वय किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने धार्मिक नगरों में शराबबंदी की शुरूआत की है। शराब की दुकानें बंद कर दूध की दुकाने खोली जा रही है। दुग्ध उत्पादन को डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सांस्कृतिक पर्वों एवं त्यौहारों को समाज के साथ समारोहपूर्वक मनाएगी। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति से जुड़ाव और सामाजिक आयोजनों के लिये सम्पूर्ण प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनाये जा रहे हैं।

शंकराचार्य के महान कार्य कल्पना से परे
सीएम ने कहा कि एकात्म धाम में संतों के वचनों का श्रवण कर ऐसा लगा जैसे गागर में सागर भर दिया हो। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने मात्र 32 वर्ष के लघु जीवन काल में इतने महान कार्य किये जो कल्पना से परे हैं। पांच हजार साल पहले भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में एकात्म के माध्यम से अद्वैत वेदान्त का वर्णन किया। सृष्टि में जगह-जगह कृष्णत्व नजर आया है। शंकराचार्य की दृष्टि हिमालय पर्वत के समान अद्वितीय थी।

सीएम ने एकात्म धाम की यज्ञशाला की पवित्र यज्ञ-वेदी में आहुति दी
समारोह की अध्यक्षता जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने की। इस अवसर पर महर्षि संदीपनी वेद विद्या पीठ द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने एकात्म धाम की यज्ञशाला की पवित्र यज्ञ-वेदी में आहुति दी। उन्होंने यज्ञ की परिक्रमा कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साधु-संतों के साथ आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित की।

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