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राहुल गांधी

महू में आर्मी महिला ट्रेनी अफसर से गैंगरेप पर उबली सिायासत, BJP को खूब कोसा राहुल-मायावती ने, जीतू भी भड़के

इंदौर। इंदौर के महू में दो आर्मी ट्रेनिंग अफसर और उनकी महिला मित्र के साथ लूटपाट, मारपीट और गैंगरेप जैसी घिनौनी वारदात सामने आने...

सतना के दो वर्तमान और दो पूर्व पार्षदों ने ज्वाइन की BJP, VD बोले- आज उन्हें मिल गया जवाब, राहुल-तन्खा पर भी किया वार

भोपाल। विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को सतना नगर निगम के दो वर्तमान कांग्रेस और पूर्व पार्षदों ने भाजपा...

राहुल गांधी अब नादान परिंदे नहीं हैं…

प्रकाश भटनागर अमेरिका में राहुल के कहे और किए के बाद अब राहुल गांधी को 'नादान परिंदे' वाली छवि से जोड़कर देखना बड़ी भूल होगी।...

भारतीय राजनीति में नफरत का माहौल: अमेरिका में बोले राहुल, रोजगार के मामले में ड्रैगन की ऐसे की खूब तारीफ

वॉशिंगटन। कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं। वह रविवार को टेक्सास के डलास पहुंचे और टेक्सास विश्वविद्यालय...

कांग्रेस तीसरी बार पार नहीं कर सकी 100 का आंकड़ा: लोकसभा में बोले पीएम मोदी, हिन्दू वाले बयान पर राहुल की भी ली खूब...

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कहा आज एक गंभीर विषय पर आपका और देशवासियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कल जो संसद में हुआ, देशवासी इसे सदियों तक माफ नहीं करेंगे। 131 साल पहले स्वामी विवेकानंदजी ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है।

नादानी में राहुल से मुकाबला करने पर क्यों आमादा है भाजपा

राहुल जिस तरह पानी पी-पीकर हिंदुओं और हिंदुत्व को कोस रहे थे, उसके चलते यह तय था कि यदि उनकी आक्रामकता का यही रुख जारी रहने दिया जाता तो वह बोलने के रौ में हिंदुओं को लेकर खुद और अपनी पार्टी की विचारधारा को एक्सपोज कर देते। आखिर भाजपा को हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव में चौबीस करोड़ वोट और 240 सीटें मिली हंै। कांग्रेस को भाजपा से पूरे दस करोड़ वोट कम मिले हैं।

एक मंद अक्ल की साधना

राहुल अतीत की तरफ देखना ही नहीं चाहते है। वरना तो वह इस बात को याद रखते कि उनके

राख के ढेर में शोला है न चिंगारी है

इस शोर के असर से कोई इंकार नहीं कर सकता। हां, इसके पीछे निहित जोर अपने साथ कई किस्म के प्रश्नवाचक और विस्मयादिबोधक चिन्ह...

सोमनाथ वाले नेहरू से लेकर अयोध्या वाले राहुल तक

जवाहरलाल नेहरू वामपंथी बुद्धि की आगे सदैव बौने रहे और आज हालत यह कि सोनिया से लेकर राहुल तक के असर से यह दल पूरी तरह वामपंथी सोच के आगे नतमस्तक हो चुका है।

करोड़पति नेताओं की बेचारी कंगाल कांग्रेस

राहुल गांधी के प्रभाव वाले इस पूरे कालखंड में कांग्रेस जनमत से लेकर धन के मामले में ठन-ठन गोपाल वाला सफर बड़ी दयनीय अवस्था में घिसट-घिसटकर तय कर पा रही है। वैसे तो यह सारा मामला ही किसी लतीफे जैसा है, फिर भी एक और लतीफा याद आ गया। सेना के अफसर ने नाश्ते के लिए बैठी टुकड़ी के जवानों से कहा, 'खाने पर दुश्मन की तरह टूट पड़ो।' टुकड़ी कई दिन की भूखी थी।

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