पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कहा आज एक गंभीर विषय पर आपका और देशवासियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कल जो संसद में हुआ, देशवासी इसे सदियों तक माफ नहीं करेंगे। 131 साल पहले स्वामी विवेकानंदजी ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है।
राहुल जिस तरह पानी पी-पीकर हिंदुओं और हिंदुत्व को कोस रहे थे, उसके चलते यह तय था कि यदि उनकी आक्रामकता का यही रुख जारी रहने दिया जाता तो वह बोलने के रौ में हिंदुओं को लेकर खुद और अपनी पार्टी की विचारधारा को एक्सपोज कर देते। आखिर भाजपा को हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव में चौबीस करोड़ वोट और 240 सीटें मिली हंै। कांग्रेस को भाजपा से पूरे दस करोड़ वोट कम मिले हैं।
जवाहरलाल नेहरू वामपंथी बुद्धि की आगे सदैव बौने रहे और आज हालत यह कि सोनिया से लेकर राहुल तक के असर से यह दल पूरी तरह वामपंथी सोच के आगे नतमस्तक हो चुका है।
राहुल गांधी के प्रभाव वाले इस पूरे कालखंड में कांग्रेस जनमत से लेकर धन के मामले में ठन-ठन गोपाल वाला सफर बड़ी दयनीय अवस्था में घिसट-घिसटकर तय कर पा रही है। वैसे तो यह सारा मामला ही किसी लतीफे जैसा है, फिर भी एक और लतीफा याद आ गया। सेना के अफसर ने नाश्ते के लिए बैठी टुकड़ी के जवानों से कहा, 'खाने पर दुश्मन की तरह टूट पड़ो।' टुकड़ी कई दिन की भूखी थी।