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शिवराज सिंह चौहान

MP में PM आवास के लिए सर्वे फिर शुरू: भैरूंदा में CM का ऐलान: कोई भी पात्र नहीं रहेगा वंचित, शिवराज भी रहे मौजूद

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी सरकार गरीब और किसानों की सरकार है। यहां सभी को समान रूप से पात्रतानुसार...

BJP का मिशन महिला सशक्तिकरण, शिवराज बोले-हमारी योजनाओं की नकल कर रहे विपक्षी दल

भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर राजधानी भोपल के दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने सीएम...

सुरा को लेकर साध्वी प्रज्ञा का सियासी सुर

रूमानी तबीयत वालों के बीच शराब को लेकर एक तथ्य बेहद चर्चित है। वह यह कि जिसे इश्क में मायूसी हाथ लगती है, वह...

तगड़े होमवर्क के सहारे आगे बढ़ रहे हैं डॉ. मोहन यादव

डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री के तौर पर भले ही नए हों लेकिन सार्वजनिक जीवन के अनुभवी नेता तो हैं। और खास बात यह कि इस अनुभव का ककहरा उन्होंने जमीन से जुड़े कार्यकर्ता से लेकर विधायक और मंत्री के रूप में सीखा है।

क्या ‘जगह मिलने पर ही साइड दी जाएगी’ वाला मामला दोहराया जाएगा मंत्रिमंडल में ?

संगठन के प्रति निष्ठा और जातिगत राजनीति के लाभ शुभ के साथ काम की क्षमता का सर्वाधिक महत्व है, तो फिर उसे मंत्रियों के चयन में भी यही दिखाना होगा कि पार्टी में अब 'तुम मुझे सब-कुछ दो, मैं तुम्हें कुछ भी नहीं दूंगा' वाले लोगों के दिन लद चुके हैं।

खुद शिवराज ही बड़ी चुनौती रहेंगे मोहन यादव के लिए

नए मुख्यमंत्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद शिवराज सिंह चौहान ही साबित होंगे। इस बात को किसी नाराजगी या विद्रोह से जोड़कर न देखा जाए। यह चुनौती इस रूप में होगी कि अपने अब तक के कार्यकाल में शिवराज ने जो लोकप्रियता, सफलता और सक्रियता के कीर्तिमान स्थापित किए, उनसे आगे जाए बगैर यादव यह स्थापित नहीं कर सकेंगे कि पार्टी का उनके प्रति विश्वास एकदम सही था।

फीनिक्स पक्षी की बाघ वाली यह दहाड़

मध्यप्रदेश के चुनावी नतीजों में लाड़ली बहना योजना की बड़ी भूमिका रही तो आप यह भी मानेंगे कि इस योजना के पीछे का प्रमुख फैक्टर शिवराज ही थे। यह उनकी वर्ष 2005 से इस चुनाव तक की संचित निधि रही, जिसने राज्य की महिलाओं को भविष्य में तीन हजार रुपए प्रति माह देने की बात पर विश्वास में ले लिया

शिवराज का फीनिक्स अवतार और सोने की भस्म

शिवराज ने बीते महीने खुद की तुलना उस फीनिक्स पक्षी से की, जिसके लिए कहा जाता है कि वह अपनी ही राख से एक बार फिर जीवन पा लेता है। यानी वह अजर-अमर है। मजे की बात यह कि यदि टाइगर को फिर से सही अर्थ में जीवित होना दिखाने के लिए पंद्रह महीने का समय लग गया था, तो फीनिक्स पक्षी ने एक पखवाड़े से भी कम की अवधि में अपने फिर से जीवित हो उठने वाले पूरे हालात स्थापित कर दिए हैं।

इसे सियासत न मानें शिवराज की

समय है कि इस सबमें राजनीतिक निहितार्थ तलाशने की बजाय हम इसके अभ्यस्त हो जाएं। यदि मुख्यमंत्री निवास में एक पीड़ित आदिवासी के पांव...

स्वागत योग्य है भ्रष्टाचार की दुर्गति के लिए शिवराज की यह गति 

उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी संजय कुमार जैन का ऑडियो वायरल होने के बाद से ही इस बात का इंतजार था कि मामले में...

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