मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया की शुरुआत के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र की सफाई नहीं, बल्कि विपक्षी वोट बैंक को निशाना बनाने की साजिश है.
श्री सिंघार ने कहा, मध्य प्रदेश के 40-50 लाख लोग, खासकर बाहर काम करने वाले मजदूरों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और ओबीसी वर्ग के नाम काटे जाने की तैयारी है, जिससे अगले चुनाव में विपक्ष के 50 लाख वोट कट सकते हैं.
सिंघार ने 2023 के विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा, तत्कालीन चुनाव से पहले दो महीने में ही 16 लाख नए वोट जोड़े गए थे, जिसके चलते 40 विधानसभा सीटें प्रभावित हुईं. आरोप लगाया कि बीजेपी ने आदिवासी वोट काटने की रणनीति अपनाई है.
“आदिवासी दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हैं, उनके पास दस्तावेजों की समझ नहीं, न इंटरनेट है. वन पट्टों के आधार पर नाम जोड़ने की बात कही जा रही है, लेकिन बीजेपी सरकार ने तीन लाख से अधिक वन पट्टे निरस्त कर दिए.” सिंघार ने अल्पसंख्यक और ओबीसी समाज पर भी निशाना साधा, जो बाहर मजदूरी के लिए जाते हैं.
सिर्फ 12 राज्यों में SIR क्यों?
चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पर सिंघार ने सवाल उठाते हुए कहा, इसे ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ नाम दिया गया है, लेकिन मैं इसे ‘सेलेक्टिव इंटेंसिव रिमूवल’ कहता हूं. SIR सिर्फ 12 राज्यों में क्यों? असम में चुनाव हैं, वहां SIR नहीं करवा रहे. वहां NRC का बहाना बना लिया. बिहार में 60 लाख नाम छोड़े, फिर 40-42 लाख काटे. आरोप लगाया वहां बाहर काम करने वाले मजदूरों के नाम हटा दिए. मध्य प्रदेश में भी यही होगा. बताया, 40-50 लोग मध्य प्रदेश के बाहर काम करते हैं. एक महीने में उनका सत्यापन कैसे होगा? आरोप लगाया कि उनका नाम भी काट दिया जाएगा.
इतनी जल्दबाजी में होगी गड़बड़ी
सिंघार ने चुनाव आयोग द्वारा 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक देशभर के वोटरों की गणना को असंभव बताया. कहा, “इतनी जल्दबाजी में ये काम करने से आयोग की मंशा संदिग्ध है. अंतिम सूची में जोड़े नाम पोर्टल पर नहीं डाले जा रहे, आम मतदाता पर जटिल प्रक्रिया थोपकर आयोग विश्वास खो रहा है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ रहा, तो चुनाव आयोग शंका के घेरे में कैसे नहीं आएगा?”
बीजेपी को ही विश्वास नहीं
सिंघार ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, “आपको चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं, तो जनता को क्या विश्वास होगा? बीजेपी ने आयोग के पक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एजेंट बन जवाब दिए.” उन्होंने कांग्रेस की तैयारी का जिक्र किया, “हमारी पार्टी बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के माध्यम से तैयारी कर रही है.” सिंघार ने SIR को ‘लोकतंत्र की सफाई’ करार दिया, न कि मतदाता सूची की.
भाजपा का पलटवार
इधर, सिंघार के आरोपों पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया. विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा, “जो लोग षड्यंत्र से चुनाव प्रभावित करते रहे, उनके लिए यह परेशानी का सबब है. फर्जी मतदाता हटेंगे, तो उनका हथियार छिन जाएगा. काटे गए नामों की सूची दलों को दी जाएगी. यदि कोई गलती हो, तो दावा-आपत्ति में नाम जोड़वा सकते हैं.” सबनानी ने कांग्रेस को ‘कुंभकरण’ नींद से जगाने की नसीहत दी.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 28 अक्टूबर से 12 राज्यों, जिसमें मध्य प्रदेश शामिल है, में SIR का दूसरा चरण शुरू किया. करीब 51 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन होगा, जिसमें 5.33 लाख BLO तैनात हैं. मध्य प्रदेश में 5.74 करोड़ मतदाताओं की जांच होगी. कांग्रेस ने प्रक्रिया की समीक्षा की मांग की है, जबकि बीजेपी इसे पारदर्शी बता रही है.



