भोपाल। राजधानी भोपाल के रविन्द्र भवन में रविवार को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की। सम्मेलन में मध्यप्रदेश दुग्ध संघ और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के बीच एमओयू हुआ। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और सीएम यादव की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड एवं मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन तथा दुग्ध संघ के मध्य अनुबंध का अदान प्रदान हुआ। इसके साथ ही एमपी के छह दुग्ध संघों और एनडीडीबी के बीच छह अलग-अलग एमओयू भी किए गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश के कृषि, पशुपालन और सहकारिता तीनों क्षेत्रों में बहुत संभावनाएं है, अच्छे से दोहन करने की जरूरत है। कुछ राज्यों में सहकारिता आंदोलन गति पकड़ आगे बढ़ा, कुछ जगह इसका सहकारी करण किया गया कुछ जगह सम्पूर्ण विनाश हुआ। अलग अलग स्तर पर देश का सहकार बटा हुआ था। देशभर में बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार सहकारिता को लेकर कानून नहीं बना। केंद्रीय स्तर पर कोई सहकारिता मंत्रालय नहीं था। 75 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता मंत्रालय बनाया और मुझे उस विभाग का मंत्री बनाया।
सहकारिता आंदोलन में बदलाव लाने मोदी जी ने किया काम
शाह ने कहा कि मोहन जी कह रहे हैं उन्हें आश्चर्य हुआ तो थोड़ा मुझे भी आश्चर्य हुआ। साढ़े तीन साल के समय में मोदी जी ने खुद बहुत बारीकी से देखकर सहकारिता आंदोलन में बहुत बड़ा बदलाव लाने का काम किया। इस दौरान शाह ने यह भी ऐलान किया देश में सहकारी समितियां अब पेट्रोल पंपों का संचालन करेंगे और रसोई गैस का वितरण भी संभालेंगी। शाह ने कहा कि सहकारिता सेक्टर में मध्य प्रदेश में काफी संभावनाएं हैं, जिस पर काम करने की जरूरत है।
पैक्स बनेबा फर्टीलाइज का डीलर भी
उन्होंने आगे कहा कि ट्रेन का टिकट भी पैक्स दे देगा। पेट्रोल पंप भी चलाएगा, पैक्स फर्टीलाइजर का डीलर भी बनेगा। कई सारे कामो से पैक्स को जोड़ा गया। पैक्स के कम्प्युटराइजेशन में मध्यप्रदेश देश मे पहले नंबर है। हमने छोटे किसानों को भी बीज की सोसायटी के लिए मौका दिया। हमने सहकारिता के अंदर प्रशिक्षण के लिए सहकारिता का विश्वविद्यालय बनाया। मध्यप्रदेश के अंदर साढ़े 5 करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन है जो देश का 9% है। मध्यप्रदेश फेडरेशन एनडीडीबी के साथ आगे बढ़ेगा।
कॉरपोरेटिव डेयरी से जोड़कर किसानों को मुनाफा
अमित शाह ने कहा कि किसान अपना दूध ओपन बाजार में बेचने जाता है तो शोषण होता है। किसानों को कॉरपोरेटिव डेयरी से जोड़कर उन्हें मुनाफा दिया जाय। दूध को प्रोसेस कर ज्यादा मुनाफे पर बेचने के लिये प्रोसेसिंग यूनिट लगाना है। मध्यप्रदेश में साढ़े 3 करोड़ लीटर सरप्लस दूध है। इसका ढाई प्रतिशत से भी कम कॉपेर्रेटिव डेयरी तक पहुंचता है। एमपी के केवल 17 प्रतिशत गांव में ही दूध कलेक्शन की व्यवस्था है, आज के अनुबंध से 83 फीसदी गांव तक कलेक्शन की सुविधा पहुंचने की संभावना है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता की जांच और किसानों को हर सप्ताह भुगतान हो इसके लिए नीति निर्माण का काम करना है। 12 लाख से 24 लाख का लक्ष्य बदलना चाहिए। वहीं उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के जमाने में कॉपेर्रेटिव मर गई, एमपी में अब सुशासन है। सरकार फेडरेशन और एनडीडीबी के साथ बैठकर ये तय करें कि 50 प्रतिश गांव तक डेयरी पहुंचे। फायनान्स की जरूरत पड़ी तो भारत सरकार मदद करेगी। हमारी सरकार, एमपी सरकार को गति जरूर देगी।
सांची का नाम नहीं बदलेगा, संचालन एनडीडीबी के हाथ में होगा
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मंत्री लखन पटेल ने बताया कि मप्र दुग्ध संघ और एनडीडीबी के बीच अनुबंध के बाद भी न तो सांची का नाम हटेगा, न लोगो बदलेगा। संचालन का काम एनडीडीबी के हाथों में रहेगा। दुग्ध संघ में अब सीईओ, एनडीडीबी के अधीनस्थ काम करेंगे। एनडीडीबी और दुग्ध संघ के बीच हुए करार के बाद मप्र में दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार हो जाएगी। एनडीडीबी मप्र में डेली दुग्ध उत्पादन क्षमता को 10 लाख लीटर से बढ़ाकर 5 साल में 20 लाख लीटर तक ले जाएगा। 5 साल के प्रोजेक्ट के लिए 1447 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।