ग्वालियर। विवादों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली ग्वालियर जीवाजी यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है। इस बार इसकी वजह बने हैंं कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी। भ्रष्टाचार के आरोपों से विवादों में घिरे कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। उनके बर्खास्तगी का आदेश स्वयं राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने जारी किया है। राज्यपाल ने धारा 52 का उपयोग कर उन्हें पद से हटा दिया है। साथ ही कार्य परिषद को भी भंग कर दिया गया है। जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरु की जिम्मेदारी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के पूर्व कुलगुरु डॉ. राजकुमार आचार्य को सौंपी गई है।
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी कुलगुरु को इस तरह हटाया गया है। अविनाश तिवारी पर एक महीने पहले 13 जनवरी को ईओडब्ल्यू ने आपराधिक मामला दर्ज किया था। बता दें कि ईओडब्ल्न्यू ने मुरैना के झुंडपुरा गांव स्थित शिवशक्ति महाविद्यालय फजीर्वाड़ा केस में दो कुलगुरु सहित 18 प्रोफेसर्स पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इनमें से 2 प्रोफेसरों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 6 रिटायर हो चुके हैं। इस कॉलेज का कोई अस्तित्व नहीं था, इसके बाद भी लगातार कई सालों से संबद्धता दी जा रही थी।
इन कुलगुरु और प्रोफेसर्स पर दर्ज है केस?
प्रोफेसर अविनाश तिवारी, कुलगुरु, जीवाजी यूनिवर्सिटी
डॉ. केएस ठाकुर, कुलगुरु, गोविंद गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी बांसवाड़ा राजस्थान
डॉ. एपीएस चौहान (अब जीवित नहीं हैं)
डॉ. एके हल्वे (रिटायर्ड)
डॉ. एसके गुप्ता (रिटायर्ड)
डॉ. एसके सिंह
डॉ. सीपी शिंदे (रिटायर्ड)
डॉ. आरए शर्मा, ज्योति प्रसाद (रिटायर्ड)
डॉ. नवनीत गरुड़, डॉ. सपन पटेल
डॉ. एसके द्विवेदी (रिटायर्ड)
डॉ. हेमंत शर्मा, डॉ. राधा तोमर
डॉ. आरपी पांडेय (रिटायर्ड)
डॉ. एमके गुप्ता
डॉ. निमिषा जादौन
डॉ. सुरेश सचदेवा
डॉ. मीना श्रीवास्तव
कुलगुरू को हटाने एक साल किया जा रहा था प्रदर्शन
बता दें कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मुरैना के सबलगढ़ तहसील के झुंडपुरा गांव में 14 साल से शिवशक्ति कॉलेज को संबंध किए जाने और कॉलेज में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में घिरे कुलगुरु को पद से हटाए जाने की मांग एनएसयूआई एवं अन्य दलों द्वारा की जा रही थी। इसके लिए लगातार एक वर्ष से विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहे हैं। इसको लेकर एक शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई थी। जांच में मिले सबूतों के आधार पर एडह ने पाया कि शिवशक्ति महाविद्यालय सिर्फ कागजों में दर्ज है। जो एड्रेस डॉक्यूमेंट में दशार्या गया है, वहां उसका कोई वजूद ही नहीं है। इसी के बाद मामला दर्ज कर अब आगे कार्रवाई की गई है।
जांच में पता चला शिवशक्ति कॉलेज का वजूद नहीं
शिकायत में कहा गया था कि शिवशक्ति नाम का कोई कॉलेज वास्तविकता में नहीं है। संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी सहित आरोपियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए गए। इसके आधार पर कॉलेज की मान्यता और संबद्धता लेकर छात्रों का फर्जी एडमिशन दिखाकर स्कॉलरशिप और अन्य मदों में सरकारी फायदा लिया गया।
बांसवाड़ा की ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलगुरु पर खतरा
राजस्थान के बांसवाड़ा की गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. केएस ठाकुर पर भी खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने भी शिवशक्ति कॉलेज का निरीक्षण किया था। इसी लिए इनके खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। प्रो. अविनाश तिवारी को हटाए जाने के बाद अब प्रो. ठाकुर को भी हटाए जाने की संभावना बढ़ गई है। ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि जीवाजी विश्वविद्यालय की ओर से कॉलेज के निरीक्षण के लिए हर साल गठित जांच कमेटी के सदस्य अपने फायदे के लिए गलत आधार पर शिवशक्ति महाविद्यालय की कूटरचित निरीक्षण रिपोर्ट बनाकर इस महाविद्यालय की संबद्धता लेने में सहयोग किया।