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संविधान हत्या दिवस पर इंदौर में संगोष्ठी: सीएम ने कांग्रेस को कोसा, सुधांशु त्रिवेदी ने भी किया वार

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इंदौर। देश में आपातकाल लागू होने की 50 वीं वर्षगांठ को भाजपा ने संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आपातकाल विभीषिका विषय परआयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आपातकाल के विरुद्ध लड़ाई देश के लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान न्यायालयों के फैसलों को पलट दिया गया। आपातकाल देश के लोकतंत्र पर काले धब्बे के समान था।

सीएम ने कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व 25 जून 1975 को जिन लोगों ने देश में आपात काल लागू किया था, वे ही इस कलंक के लिए जिम्मेदार हैं और वे कभी भी इस कलंक से मुक्त नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कि लोकतंत्र सेनानियों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी। उस दौर में हजारों निरपराध लोगों को जेलों में बंद कर दिया गया। आपातकाल में लोगों पर बेइंतहा अत्याचार किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए दिवंगत लोकतंत्र सेनानियों के योगदान का स्मरण भी किया।

वहीं राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आपातकाल के विरुद्ध लड़ाई देश की आजादी की दूसरी लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान किसी की भी संपत्ति जप्त की जा सकती थी। आपातकाल के दौरान लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया गया था तथा संसद की बैठक के लिए कोरम की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। त्रिवेदी ने कहा कि आपातकाल में विधायिका, कार्यपालिका और न्याय-पालिका के साथ साथ मीडिया पर भी नियंत्रण लागू किया गया था।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि देश में वास्तविक लोकतंत्र आपातकाल की समाप्ति के बाद ही लागू हुआ है। देश में वैचारिक स्वतंत्रता पाने की लड़ाई आज भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में हमें “आत्म गौरव” का आभास होने लगा है। त्रिवेदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारे देश में 1947 से नहीं बल्कि हजारों वर्ष पूर्व से लागू रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र तो है ही, साथ ही “लोकतंत्र की जननी” भी है।

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