मध्यप्रदेश में सरकारी कार्यालयों, स्कूलों में कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों की हर हाल में उपस्थिति पर सरकार का फोकस बना हुआ है। इसके लिए नित नए उपाय आजमाए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने ई अटेंडेंस सिस्टम चालू कर इसे वेतन से जोड़ दिया है। बिना ई अटेंडेंस के वेतन नहीं देने का प्रावधान है और इसपर सख्ती से अमल भी किया जा रहा है।
प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों को ई अटेंडेंस के अभाव में वेतन नहीं दिया जा रहा है। हालांकि दीवाली महापर्व को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें कुछ राहत दे दी है। प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को बिना ई अटेडेंस के ही दो माह का वेतन देने का फैसला लिया गया है।
मध्यप्रदेश के 70 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक अब दीवाली अच्छे से मना सकेंगे। राज्य सरकार ने उन्हें राहत देते हुए जुलाई और अगस्त माह का वेतन देने का निर्णय लिया है। अतिथि शिक्षकों को दो माह का यह वेतन बिना ई-अटेंडेंस के दिया जाएगा। शुक्रवार को लोक शिक्षण संचालनालय ने इसके आदेश भी जारी कर दिए। आदेश में अतिथि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस में शिथिलता बरतते हुए जुलाई और अगस्त माह का वेतन स्कूलों में उपस्थिति के आधार पर देने को कहा गया है।
लोक शिक्षण आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार किसी कारणवश किसी दिन की ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं करनेवाले अतिथि शिक्षकों के लिए स्कूल प्रभारी उपस्थिति पंजी के आधार पर सत्यापित प्रति पोर्टल 3.0 पर अपलोड करेंगे। इसके बाद उन दिनों का मानदेय देयक पोर्टल से जनरेट हो सकेगा।
इससे पहले लोक शिक्षण संचालनालय ने अतिथि शिक्षकों को ई अटेेंडेंस के आधार पर ही वेतन दिए जाने के बेहद सख्त निर्देश जारी किए थे। शिक्षा विभाग के प्रदेशभर के संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट कहा गया था कि अतिथि शिक्षकों सहित सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों का अक्टूबर का वेतन ई-अटेंडेंस के आधार पर ही आहरित किया जाएगा। जो कर्मचारी अधिकारी ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे हैं उनका वेतन नहीं निकाला जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारियों को ई-अटेंडेंस की रोज समीक्षा करने के स्पष्ट निर्देश हैं। विभाग के नियमित शिक्षकों के लिए भी ई-अटेंडेंस अनिवार्य है। लोक शिक्षण संचालनालय ने अतिथि शिक्षकों को जुलाई अगस्त का वेतन बिना ई अटेंडेंस का देने का आदेश जारी जरूर किया लेकिन ये भी साफ कर दिया है कि इसे उदाहरण नहीं समझा जाए।
अधिकारियों के अनुसार ई-अटेंडेंस की प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण होने और महापर्व दीवाली की वजह से अतिथि शिक्षकों को यह राहत दी गई है पर उन्हें भविष्य में निर्देशों का पालन करने पर ही वेतन दिया जाएगा।